नई दिल्ली. पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ असंवैधानिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और नेशनल असेंबली भंग किए जाने के मुद्दे पर टकराव जारी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई फिर शुरू हो गई है। इमरान खान लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अमेरिका के इशारे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। वो विपक्ष को देशद्रोही भी करार दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय इमरान और उनके मंत्रियों की बयानबाजी से सख्त नाराज है। दूसरी तरफ, विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वो सरकार के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन करेगा। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉरेन मिनिस्ट्री के सीनियर अफसरों ने अमेरिका का नाम लिए जाने पर सख्त ऐतराज जताया है। इन अफसरों के मुताबिक, सरकारें और नेता बदलते रहते हैं, लेकिन इस सरकार ने जो किया है उसका पाकिस्तान को बहुत सख्त और बहुत लंबे समय तक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेन मिनिस्ट्री के अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा- अब हमारे एम्बेसेडर्स भी विदेश मंत्रालय को खुलकर सारी बातें नहीं बताएंगे। उनके जेहन में यह डर बन गया है कि उनके किसी लेटर को कभी भी पब्लिक डोमेन में लाया जा सकता है, जबकि ये साफ तौर पर सीक्रेट होते हैं। अमेरिका और यूरोप से संबंधों पर इसका बहुत गहरा असर होगा। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारे डिप्लोमैट्स ही दुनिया में हमारे आंख और कान होते हैं। विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान ने बुधवार रात साफ कर दिया कि गठबंधन अब कोर्ट के अलावा सड़कों पर भी इमरान खान का मुकाबला करेगा।
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