जयपुर. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन अब जयपुर नगर निगम ग्रेटर अपने स्तर पर शुरू करवाएगा। इसके लिए निगम अलग-अलग जोन एरिया में अलग-अलग टेंडर करके सफाई व्यवस्था का ठेके पर देगा, ताकि एक कंपनी के काम बंद करने या हड़ताल पर जाने से पूरे जयपुर शहर काे परेशानी न उठानी पड़े। अभी एक ही कंपनी (बीवीजी) के पास पूरा ठेका है। कई बार कंपनी के कर्मचारी जब हड़ताल कर देते हैं। इससे पूरा जयपुर शहर परेशान होता है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे आज साधारण सभा में रखा जाएगा। अगर ये प्रस्ताव पास होता है तो यह तय है कि अगले महीने से बीवीजी कंपनी हट जाएगी। बीवीजी फर्म ही जयपुर में अभी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और शहर की मुख्य सड़कों से कचरा उठाने का काम है, लेकिन पिछले एक-दो साल में कपंनी के कर्मचारियों ने हर 2-3 महीने के अंतराल में हड़ताल कर देते थे, जिसका असर पूरे जयपुर शहर पर पड़ता था। पूरे जयपुर शहर में हड़ताल के कारण 3-4 दिन तक सफाई व्यवस्था ठप हो जाती थी। इससे न केवल शहर गंद दिखने लगता, बल्कि जनता को भी परेशान होती थी। इतना ही नहीं वर्तमान में कंपनी की गाड़ियां भी टाइम पर कचरा कलेक्शन के लिए गलियों-मोहल्लों में नहीं पहुंच पाती। इसकी सैंकड़ों शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। वर्तमान में बीवीजी कंपनी ने अपने काम को छोटे-छोटे स्तर पर सबलेट कर रखा है। कंपनी ने 1100 रुपए से 1200 रुपए मीट्रिक टन के हिसाब से कचरा उठाने का काम यहां के छोटे-छोटे वैंडर्स को दे रखा है, जबकि कंपनी खुद नगर निगम से 1800 मीट्रिक टन की दर से पैसा लेती है। कंपनी ने वर्तमान में जयपुर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए करीब 320 गाड़ियां (हूपर) लगा रखे है, जो 150 वार्डो में कचरा कलेक्शन करती है। यानी हर वार्ड में 2 गाड़ियां भी पूरी तरह कचरा उठाने के लिए नहीं लगा रखी।
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