जयपुर. राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह (एसएमएस) में आज व्यवस्थाएं सुधारने के मुद्दे पर रेजिडेंट्स और सीनियर डॉक्टर्स आमने-सामने हो गए। हेल्थ सेक्रेटरी वैभव गालरिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की एसोसिएशन जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अमित यादव ने बढ़ते वर्कलोड और बिगड़ती एसएमएस की व्यवस्था को सुधारने के लिए इसे रेफरल हॉस्पिटल बनाने की मांग रखी। यही नहीं उन्होंने इस दौरान सीनियर डॉक्टर्स और फेकल्टी मेम्बर्स के लिए नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) लागू करने की मांग की, ताकि इनका पूरा ध्यान हॉस्पिटल पर रहे। मेडिकल कॉलेज सभागार में हुई इस बैठक में रेजिडेंट्स की तरफ से उठाई एनपीए की मांग पर जयपुर मेडिकल एसाेसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनुराग धाकड़ नाराज हो गए और उन्होंने मीटिंग में इसका विरोध जताया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ड्यूटी समय में सिर्फ अस्पताल के लिए ही काम नहीं करते बल्कि मरीजों की सेवा के लिए प्रैक्टिस करते है, जिसका लाभ मरीजों को ही मिलता है। ऐसे में डॉक्टर्स को एनपीए के लिए बाध्य करना गलत होगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि रेफरल हॉस्पिटल होने से मरीजों को हाई क्वालिटी ट्रीटमेंट मिलता है वह नहीं मिल सकेगा। क्योंकि आज हॉस्पिटल में जितने मरीज आते है डॉक्टर्स को उतना ही ज्यादा सिखने को मिलता है और ज्यादा अच्छा इलाज मरीजों को मिलता है। यही कारण है कि आज एसएमएस हॉस्पिटल की क्रेडिबिलिक्रैडिबिलिटीटी पूरे देश में टॉप हॉस्पिटल में शुमार है। आपको बता दें कि एसएमएस समेत दूसरे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में काम करने वाले ज्यादातर सीनियर्स और फेकल्टी डॉक्टर्स सुबह-शाम अपने निजी आवास व क्लिनिक पर प्रैक्टिस करते है। इस दौरान अधिकांश समय पर हॉस्पिटल में सारी जिम्मेदारी रेजिडेंट्स के जिम्मे रहती है।
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