नागौर. राजस्थान में तेज रफ्तार गाड़ियां सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रही हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सड़क हादसों को लेकर चिंता जता चुके हैं। चिंता लाजमी भी है, क्योंकि राजस्थान में हर दिन 57 से ज्यादा रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं, जिनमें 27 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती हैं। राजस्थान के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में 20 हजार 952 रोड एक्सीडेंट हुए, जिनमें 10 हजार 43 लोगों की मौत हो गई। सड़क हादसों की समस्या कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2021 में जब कोरोना कहर बरपा रहा था तब भी वायरस से डेढ़ गुना ज्यादा मौतों की वजह सड़क हादसे थे। 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में राजस्थान में कुल 6260 मौतें हुई थीं। वहीं रोड एक्सीडेंट में 10 हजार 43 लोगों की जान गई, यानी कोरोना से 3783 मौतें ज्यादा। ये आंकड़ा भी तब है जब 2021 में करीब 2 महीने से ज्यादा लॉकडाउन की पाबंदियां थी। उदाहरण के तौर पर जब अप्रैल में कोराेना पीक पर था, उस समय लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या 297 थी, जबकि औसतन देखें तो 2021 में हर महीने रोड एक्सीडेंट में 836 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
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