नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का कहना है कि पश्चिमी देश क्रीमिया सहित रूस पर आक्रमण की तैयारी कर रहे थे। इसलिए यूक्रेन पर हमला करना जरूरी हो गया था। पुतिन ने ये बात रूसी विक्ट्री डे के अवसर पर कही। रूस ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर में 9 मई यानी आज ही हिटलर की नाजी सेना को हराया था। दूसरी तरफ, रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका, G-7 देशों और यूरोपियन यूनियन ने प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा दिया है। रूसी अर्थव्यवस्था को झटका देने के लिए मॉस्को से ऑयल इंपोर्ट बैन करने की बात कही गई। हालांकि, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को और मदद का भरोसा दिया। अमेरिका ने अब तक 2600 से ज्यादा रूसियों को वीसा देने से इनकार किया। इसके साथ ही रूस के तीन 3 सरकारी चैनलों पर बैन लगाया है। कोई अमेरिकी नागरिक रूसी कंपनियों को किसी भी तरह की सर्विस नहीं दे सकेगा। रूस के प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक रहेगी। रूस से इंपोर्टेड लकड़ी के समान, पंखे, वेंटिलेशन सामान और अन्य कई इलेक्ट्रिक समान को भी बैन लिस्ट में डाला गया है। राजधानी कीव में रूसी हमले थमने के बाद विदेशी एम्बेसी और डिप्लोमैट्स के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते दिन अमेरिकी डिप्लोमैट्स की एक टीम राजधानी कीव में मौजूद US एम्बेसी लौट आई। यूरोप 8 मई को विक्ट्री डे मनाता है। इसी दिन अमेरिकी डिप्लोमैट्स ने कीव लौटकर रूस को संदेश दिया है।
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