पुणे. पुणे के कोंढवा इलाके से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। वहां मां-बाप ने 11 साल के बेटे को 22 कुत्तों के साथ पिछले 2 साल से कैद कर रखा था। हालांकि, माता-पिता अकसर उससे मिलने आया करते थे। पड़ोसियों की शिकायत पर पुलिस ने फ्लैट पर दबिश दी और बच्चे को बेजुबानों के साथ मुक्त करवाया। बुधवार देर रात इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है। पुणे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने बताया कि बच्चे को घर में गलत ढंग से कैद करने के लिए हमने संजय लोधरिया और शीतल लोधरिया को अरेस्ट किया है। दोनों कोंढवा की कृष्णाई बिल्डिंग में रहते हैं। इन्होंने अपने घर में 22 कुत्तों को रखा हुआ था। इनमें से ज्यादातर सड़क से उठाए गए थे। पाटिल ने बताया कि आरोपी दंपती खाना देने के लिए घर में आते थे और फिर कुछ देर वहां रहने के बाद वापस चले जाते थे। पाटिल ने बताया कि कृष्णाई बिल्डिंग के रहने वाले कुछ लोगों ने घर में कैद बच्चे को खिड़की पर खड़े होकर अजीब हरकत करते हुए देखा, इसके बाद चाइल्ड लाइन की अनुराधा सहस्रबुद्धे को फोन करके इसकी जानकारी दी। यह बच्चा आमतौर पर बालकनी या खिड़की पर बैठा रहता था। घर में से दिन भर कुत्तों के भौंकने की आवाज आती थी। पिछले एक सप्ताह से घर से दुर्गन्ध आ रही थी, जिसके बाद पड़ोसियों ने परेशान होकर शिकायत की। शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई और चाइल्ड लाइन की मदद से कृष्णाई बिल्डिंग के फ्लैट में छापा मारकर बच्चे को निकाला। बाद में उसे चाइल्ड वेलफेयर सेंटर के जरिए बाल सुधार गृह में भेज दिया है। वहीं माता और पिता पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट धारा 23 और 28 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि बच्चे को एक बेडरुम वाले घर में 22 कुत्तों के साथ रहने को मजबूर होना पड़ा।
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