वाराणसी. वाराण्सी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शनिवार से शुरू होने वाले सर्वे पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने इस याचिका पर कहा है कि वे पहले फाइलें देखेंगे। फिर फैसला लेंगे। उन्होंने इस मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़ी यह याचिका सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने दायर की है। हुजेफा अहमदी ज्ञानवापी केस से नहीं जुड़े हैं। इससे पहले वह धारा-370, गौरी लंकेश, वन रैंक-वन पेंशन, लॉकडाउन और कश्मीर घाटी से जुड़ी समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने दैनिक भास्कर को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट गए हैं। मगर उनके आधिकारिक वकील का नाम फुजैल अहमद अयूबी है। वह याचिका दायर करने वाले हुजेफा अहमदी को नहीं जानते हैं। CJI की कोर्ट में एडवोकेट हुजेफा ने अपील की कि वाराणसी कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार से कार्रवाई शुरू हो जाएगी इसलिए मामले को तत्काल सुना जाए। कम से कम मामले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर दिया जाए। इसके बाद CJI रमन्ना ने कहा कि अभी हमने पेपर नहीं देखे हैं। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगले हफ्ते से सुनवाई कर सकता है। उधर, पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने भी कहा है कि हम ज्ञानवापी मस्जिद जैसे मसलों पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व षड्यंत्र रच के ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा जैसे मुद्दों के जरिए नफरत फैला रहे हैं। देश को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, उसके खिलाफ पीस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेगी।
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