नई दिल्ली. नॉर्थ कोरिया में कोरोना के बढ़ते संकट के बाद किम जोंग उन ने सोमवार को खराब हेल्थ सिस्टम के लिए कैबिनेट और उच्च अधिकारियों को फटकार लगाई है। इसके साथ उन्होंने सेना को राजधानी प्योंगयोंग और देशभर में दवाइयां डिस्ट्रीब्यूट करने में मदद करने का भी आदेश दिया है। नॉर्थ कोरिया में 'कथित बुखार' से 12 लाख से ज्यादा लोग बीमार हैं। वहीं 50 लोगों की मौत के बाद किम जोंग को देश की हालत का अंदाजा हो गया है। हालांकि, प्रशासन का कहना है- ये मौतें कोरोना से नहीं हुई, बल्कि इन मौतों की वजह बुखार है, लेकिन नॉर्थ कोरिया के शासक की घबराहट देखकर मामला इतना सीधा नहीं लगता जितना बताया जा रहा है। इसीलिए उन्होंने दवा दुकानों को 24 घंटे नहीं खोलने को लेकर कैबिनेट और अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। किम ने पहला केस मिलते ही इसे देश के लिए बड़ा संकट बताया था। इसके बावजूद प्रशासन को ये महामारी गंभीर नहीं लगती। कोरियन न्यूज एजेंसी ने पूरे मामले के बारे में बताया- किम जोंग ने कहा है कि स्वास्थ्य अधिकारी और कैबिनेट बीमारी की गंभीरता नहीं समझ रहे हैं। इसी वजह से उनके कामों में ढिलाई देखने को मिल रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक नॉर्थ कोरिया का हेल्थ सिस्टम दुनिया के सबसे खराब हेल्थ सिस्टम में से एक है। वहां अस्पतालों, स्पेशल केयर यूनिट, कोविड मेडिसिन और टेस्टिंग सिस्टम की भारी कमी है। साउथ कोरिया के रिसर्चर च्योंग स्योंग-चेंग ने कहा है कि किम जोंग ने फार्मेसी विजिटिंग के दौरान दवाइयों की भारी कमी और खराब डिस्ट्रीब्यूशन को अपनी आंखों से देखा है। किम ने जिन हालात का अंदाजा लगाया है, हालात उससे कई गुना ज्यादा खराब हो सकते हैं।
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