नई दिल्ली. दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कालेज के प्रोफेसर डा. रतन लाल को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को जमानत दे दी है। प्रोफेसर रतन लाल ने ज्ञानवापी में शिवलिंग को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। उन्हें 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। शनिवार दोपहर करीब 3 बजे प्रोफेसर को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां रतन लाल के वकील ने जमानत याचिका दाखिल की। वहीं, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से 14 दिन के जूडिशियल रिमांड की मांग की और बताया कि प्रोफेसर के खिलाफ अब तक 6 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। आदेश में कोर्ट ने कहा- देश में 130 करोड़ से अधिक लोग, किसी भी मुद्दे पर इतनी ही राय हो सकती है। किसी एक की भावनाएं आहत होना पूरे समुदाय की भावनाएं आहत होना नहीं माना जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने प्रोफेसर रतनलाल को ऐसे किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट और इंटरव्यू से दूर रहने की हिदायत दी है। कोर्ट में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कथित तौर पर शिवलिंग जैसी आकृति के दावे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतनलाल ने सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट किया था। जिसके बाद दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता शिवम भल्ला ने उनके खिलाफ धर्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले रिहाई को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन और शिक्षकों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रोफेसर की गिरफ्तारी के विरोध में छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) शुक्रवार की रात से ही दिल्ली के मॉरिसनगर के साइबर सेल ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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