नई दिल्ली. असम के नागांव जिले में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने बाताद्रवा पुलिस थाने में आग लगा दी थी। इसके एक बाद प्रशासन ने हिंसा में शामिल तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया। हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि घरों को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत तोड़ा गया है। नागांव जिला प्रशासन ने पुलिस हिरासत में हुई मौत के जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही घटना में शामिल पुलिस स्टेशन के प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद रविवार को गांव में बुलडोजर पहुंचा और हिंसा में शामिल लोगों के घरों को गिरा दिया गया। असम स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने बताया कि हिंसा में 40 लोग शामिल थे, जिसमें से 21 लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जो पुलिस वाले इस घटना में शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हिंसा करके पुलिस थाने में आग लगा दें। उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। असम के नागांव के बटाडरावा में गुस्साई भीड़ ने शनिवार को एक पुलिस थाने में आग लगा दी। दरअसल पुलिस ने इलाके के एक मछली कारोबारी को हिरासत में लिया था। उससे 10 हजार रुपए की रिश्वत और बदक की मांग की थी। बाद में उसकी मौत हो गई। जिस पर परिवार ने कहा कि हम केवल बदक दे सकते थे। इस पर पुलिस ने हिरासत में उस व्यक्ति को प्रताड़ित किया। जिससे उसकी मौत हो गई। मारे गए व्यक्ति का नाम सफीकुल इस्लाम बताया गया था। परिवार ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया था और कहा कि पुलिस ने उसे शुक्रवार को बिना किसी कारण के हिरासत में लिया था। शनिवार को परिवार उसकी हालत देखने गया तो बताया गया कि उसकी तबीयत खराब हो जाने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अस्पताल जाने पर उसकी मौत की जानकारी दी गई।
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