अजमेर. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब राजस्थान में दरगाह शरीफ को हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है। इसको लेकर अजमेर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एक संगठन ने स्वास्तिक चिन्ह वाले फोटो शेयर किए गए था। बताया गया कि यह जाली दरगाह शरीफ में है। इसी चिन्ह के आधार पर कहा गया कि वह हिंदू मंदिर है। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में किसी भी हिस्से में ऐसी जाली नहीं मिली, जिस पर स्वास्तिक का निशान बना हुआ हाे। न ही वैसे पत्थर मिले, जैसे महाराणा प्रताप सेना संगठन द्वारा जारी की गई तस्वीर में नजर आ रहे हैं। राजस्थान सरकार ने कुछ समय पूर्व एक प्रोजेक्ट के तहत दरगाह में निजाम गेट, अकबरी मस्जिद और क्वीन मैरी होज का हैरिटेज लुक वापस लौटाया था। इन इमारतों में भी कहीं भी किसी पत्थर में ऐसे प्रतीक या चिह्न नहीं मिले हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने गुरुवार रात दरगाह में पहुंच कर पूरे परिसर की छानबीन की। इसमें जो हकीकत सामने आई, वो यह थी। गुरुवार काे एक संगठन महाराणा प्रताप सेना ने कौमी एकता के भारत के सबसे बड़े मरकज महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह काे हिंदू मंदिर बताकर सनसनी फैला दी। इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने राजस्थान के मुख्यमंत्री काे ज्ञापन भेजकर चेतावनी भी दी है कि दरगाह का सर्वे कराएं अन्यथा वे खुद हजारों समर्थकों के साथ अजमेर पहुंच जाएंगे। पत्र में दावा किया गया है कि दरगाह के अंदर खिड़कियों व कई जगहों पर हिंदू धार्मिक चिह्न भी हैं, जिसमें स्वास्तिक के निशान प्रमुख है। कुछ ही देर में यह दावा वायरल हाे गया। उधर, दरगाह से जुड़े प्रतिनिधियों ने एसपी काे शिकायत की है। धमकी के बाद जिला पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
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