भोपाल. मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। चंबल नदी का जलस्तर 4 मीटर बढ़ गया है। शिवपुरी, दतिया, भिंड और श्योपुर में बुधवार-गुरुवार की रात से बारिश का दौर जारी है। कोटा बैराज से छोड़े गए 12 हजार क्यूसेक पानी और बारिश के असर से मुरैना में राजघाट पर चंबल का जलस्तर 4 मीटर बढ़ गया है। यहां नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 11.5 मीटर नीचे है। श्योपुर में पार्वती और अमराल नदी उफान पर है। श्योपुर से कोटा हाईवे बंद हो गया है। मौसम विभाग ने ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड के साथ इंदौर-भोपाल में भी तेज बारिश होने की चेतावनी दी है। पूरे प्रदेश में मानसून एक्टिव रहेगा। अगले कुछ दिन तक बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने रीवा, नर्मदापुरम, चंबल और ग्वालियर संभागों के जिलों के अलावा अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सागर, छतरपुर, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में भी बारिश हो सकती है। धारकुंडी आश्रम सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील अंतर्गत यूपी की सीमा से सटे इलाके में जंगल और पहाड़ के बीच स्थित है। यहां झरने,कुंड और गुफा भी है। ये परमहंस आश्रम है जहां स्वामी सच्चिदानंद महाराज और उनके शिष्य रहते हैं। आश्रम का निर्माण इस तरह से किया गया है जिससे पानी को रास्ता मिलता रहे। हर वर्ष हर बारिश में यहां जंगल और पहाड़ का पानी नीचे आश्रम में आता है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित इस खूबसूरत स्थान पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरु दर्शन के लिए आते हैं। डिंडोरी-मंडला जिले में अच्छी बारिश से नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है। इससे जबलपुर से 20 किमी दूर भेड़ाघाट में नर्मदा नदी के धुआंधार जलप्रपात की खूबसूरती और बढ़ गई है। यहां 50 फीट ऊंचाई से नर्मदा की धारा विश्व स्तरीय संगमरमर की चट्टानों पर गिर रही है। नर्मदा की धारा के इस बहाव से पानी के कण धुएं जैसे दिखाई देते हैं, इसलिए इसे दूध धारा भी कहा जाता है। यहां 15 जून से 15 अक्टूबर तक पर्यटकों का जाना प्रतिबंधित रहता है, लेकिन इस बार बारिश देर से होने से अभी यहां सैलानी पहुंच रहे हैं।
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