कोलकाता. शिक्षक घोटाला भर्ती मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का शुक्रवार को तीसरी बार मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ले जाने के दौरान अर्पिता मुखर्जी की तबीयत बिगड़ गईं। दरअसल, अर्पिता कार में ही रोने लगी और बाहर निकलकर सड़क पर बैठ गई। वहीं अस्पताल पहुंचे पूर्व मंत्री पार्थ ने कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। ED सोर्सेज के मुताबिक, यह पूरा स्कैम 1000 करोड़ तक पहुंच सकता है। इसमें सिर्फ टीचर्स रिक्रूटमेंट का पैसा शामिल नहीं है, बल्कि पार्थ चटर्जी का रियल स्टेट में लगा पैसा भी शामिल है। अभी ED की टीम 15 जगह और रेड कर सकती है। इधर ED ने TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को भी पूछताछ के लिए आज तलब किया है। ED सूत्रों ने बताया कि पार्थ चटर्जी गिरफ्तारी के बाद 5 दिन तक केवल ग्रीन टी और बिस्कुट लेते रहे। बुधवार रात को उन्होंने दाल-रोटी खाई थी। गुरुवार शाम उनके चिनारपार्क और नयाबाद के फ्लैटों की भी तलाशी ली गई। सूत्रों के मुताबिक, इन जगहों से 2 रियल एस्टेट से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जांच में सामने आया है कि शिक्षक भर्ती घोटाले से मिली रकम रियल एस्टेट में लगाई जा रही थी। अर्पिता के फ्लैट से एक गोल्ड रिंग भी एजेंसी को मिली है, जिस पर P लिखा है। एजेंसी इस रिंग के बारे में भी उनसे सवाल करेगी। ED सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ने अब तक उसके फ्लैट से मिले 50 करोड़ से अधिक रुपए से ज्यादा कैश के बारे में पहली बार चुप्पी तोड़ी। अर्पिता ने गुरुवार को जांच एजेंसी के सामने कबूल किया कि ये सारे पैसे पार्थ के हैं और उन्हें संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ED अर्पिता के बयान को ही आधार बनाकर पार्थ के खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी।
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