पटना. बिहार में राजनीतिक उठापटक के बाद बुधवार को नीतीश-तेजस्वी सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। इससे पहले स्पीकर के मामले पर बात अटक गई। विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने पहले अपना इस्तीफा देने से मना कर दिया। उन्होंने सदन को करीब 19 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना उचित नहीं है। यह नियम के अनुकूल नहीं है। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं नियम के तहत काम कर रहा हूं। हालांकि, बाद में उन्होंने इस्तीफा का ऐलान कर दिया। इसके बाद कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। दो बजे के बाद नीतीश-तेजस्वी सरकार बहुमत साबित करेगी। सत्ता पक्ष 164 विधायकों के समर्थन की बात कह रहे हैं। इस बीच खबर है कि दोपहर 12:30 बजे कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। इसमें विधानसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाने की सिफारिश की जा सकती है। अभी सदन का विशेष सत्र दो दिन है। विजय सिन्हा ने कहा, सरकार (जेडीयू-भाजपा) ने 9 अगस्त को इस्तीफा दिया। 10 अगस्त को नई सरकार (जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन) के गठन का न्योता दिया गया। नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद स्पीकर पद छोड़ देता। लेकिन 9 अगस्त को मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा, 'इस अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन गई। आप सभी लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर के पुजारी हैं। आप जो अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, यह अस्पष्ट है। 9 लोगों का पत्र मिला, इनमें से 8 का पत्र नियमानुसार नहीं नजर आता, लेकिन मुझ पर जो आरोप लगाए गए। मनमानी के, कार्यशैली को लेकर, तानाशाही करने का। ऐसे में मेरा जवाब देना जरूरी है।' सत्र शुरू होने से पहले आरजेडी नेताओं पर सीबीआई के छापे को लेकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी ने सीबीआई को भेजा है। वहीं, भाजपा भी हमलावार है। भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। BJP विधायकों ने कहा कि जो लूटा है है उसे लौटना पड़ेगा। बीजेपी के विधायक हिंदू अपमान की बात करते हुए तख्ती लेकर विधानसभा पहुंचे थे। भाजपा विधायकों का आरोप है कि गया में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी के प्रवेश से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.