भोपाल. मध्यप्रदेश में लगातार भारी बारिश से सभी वाटरफॉल अपने शबाब पर हैं। नदियों और झरनों की कल-कल आवाज पर्यटकों को लुभा रही है। कई जिलों में वाटरफॉल पर बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे रहे हैं। पचमढ़ी के बी फॉल (झरना) पर बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। हालांकि महू पातालपानी झरने तक सैलानियों के प्रवेश पर अभी रोक लगी है। ऐसा भारी बारिश के कारण किया गया है। राजधानी में 22 से 23 अगस्त को 36 घंटे में 14 इंच से ज्यादा बारिश हुई। 15 साल में यह अगस्त महीने में भोपाल में एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश थी। पिछले साल की तुलना में भोपाल में अबकी बार 120% बारिश ज्यादा हो गई है, लेकिन वर्ष 2006 में हुई बारिश का रिकॉर्ड अभी नहीं टूटा है। मौसम वैज्ञानिक पांडे बताते हैं कि इस मानसूनी सीजन में लगातार तीन सिस्टम बने। सिस्टम पुराने ट्रैक पर न जाते हुए थोड़ा नीचे की ओर गया। इससे भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम आदि शहरों में अच्छी बारिश हुई। दो दिन बना सिस्टम इस सीजन का सबसे स्ट्रांग रहा। इस वजह से भोपाल में 18 घंटे तक लगातार बारिश हुई। हवा की गति भी बनी रही। अब तक भोपाल में 66 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से करीब 30 इंच ज्यादा है। इसके पहले 2016 में 56.58 और 2006 में 67.45 इंच बारिश हुई थी। एक से डेढ़ इंच बारिश होने के बाद वर्ष 2006 का रिकॉर्ड टूट जाएगा।
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