जयपुर. जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर के खिलाफ आई न्यायिक जांच की रिपोर्ट सरकार सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी। अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) मनीष सिंघवी की ओर से ये रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए अर्जी दी गई, जिस पर कोर्ट ने इसे 23 सितम्बर को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा है। ऐसे में मेयर सौम्या गुर्जर के बर्खास्त होने की अटकलों पर फिलहाल 23 सितम्बर तक विराम लग गया है। सरकार को रिपोर्ट पेश करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का इंतजार है, यहां जो निर्देश मिलेंगे उसके बाद ही सरकार मेयर को पद से बर्खास्त करने संबंधी कोई एक्शन ले पाएगी। फरवरी में निलंबन के आदेशों पर स्टे जारी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को करने की डेट दी थी। इसके साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि न्यायिक जांच आने के बाद उसे पहले कोर्ट में पेश करें उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाए। अब 15 अगस्त से पहले सरकार के पास न्यायिक जांच की रिपोर्ट आ गई तो सरकार ने इस मामले में जल्द सुनवाई का मानस बनाया है। इसी के चलते कोर्ट में विशेष अर्जी देते हुए निर्धारित तारीख 26 अक्टूबर से पहले ही न्यायिक जांच की रिपोर्ट पेश करने की मांग की है। आपको बता दें कि पिछले साल 6 जून 2021 को सरकार ने तत्कालीन नगर निगम ग्रेटर के कमीश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में 3 पार्षदाें के साथ ही मेयर सौम्या गुर्जर को भी दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था। इसके बाद सरकार ने इन तीनों ही पार्षदों के साथ सौम्या गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू करवा दी थी। इसी न्यायिक जांच की रिपोर्ट पिछले दिनों सरकार को सौंपी गई है। नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह से हुए विवाद के मामले में राज्य सरकार ने 3 पार्षदों को 22 अगस्त को ही पद से बर्खास्त कर दिया था। वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय शंकर शर्मा सदस्यता खत्म होने के बाद अब यहां अगले 6 महीने के अंदर दोबारा चुनाव करवाए जाएंगे है। इन तीनों ही पार्षदों को सरकार ने न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त किया है और नियमानुसार ये जनप्रतिनिधि अगले 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.