छिंदवाड़ा. शहीद भारत यदुवंशी पंचतत्व में विलीन हो गए। दो मासूम बेटियों याज्ञवी और जाह्नवी ने उन्हें मुखाग्नि दी। भारत यदुवंशी जम्मू के दुर्गमूला में बुधवार शाम आतंकी मुठभेड़ के दौरान ग्रेनेड हमले में शहीद हो गए थे। रोहना के शंकरखेड़ा के रहने वाले 29 साल के भारत यदुवंशी भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल 41 (सिग्नल रेजीमेंट) में सिग्नल मेन के पद पर पदस्थ थे। वे पिछले साल 14 सितंबर में सेना में भर्ती हुए थे। 20 मई को वापस अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। भारत यदुवंशी का अंतिम संस्कार पैतृक गांव रोहना में उनके ही खेत में हुआ। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। हजारों लोगों ने जवान को श्रद्धांजलि दी। भारत यदुवंशी का शव दिल्ली से विशेष विमेन के जरिए शुक्रवार दोपहर नागपुर, फिर वहां से सड़क मार्ग के जरिए रोहना लाया गया। भारत के परिवार में माता, पिता, छोटा भाई, गर्भवती पत्नी और दो मासूम बेटियां हैं। रोहना के अमर शहीद भारत यदुवंशी को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उनका नाम कभी मिट नहीं सकता। अब रोहना का नाम भारत होगा। प्रभारी मंत्री ने यह भी घोषणा की कि रोहना में एक तालाब भी बनाया जाएगा, जिसका नाम भी अमर शहीद भारत के नाम पर रखा जाएगा। अपने बेटे को तिरंगे में लिपटा देख भावुक पिता फफक-फफक कर रोए। उन्होंने कहा- मेरे लिए इससे बढ़कर गौरव की बात क्या हो सकती है कि मेरा बेटा भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर चला गया। वह अमर है, अमर ही रहेगा..।
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