राजसमन्द. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 10वीं के परिणाम आने के बाद कई स्कूलों में अच्छे परिणाम आने पर खुशियां छाई तो कुछ स्कूलों में खराब परिणाम आने पर मायूसी भी छाई। 10वीं के खराब रिजल्ट आने का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर खराब रिजल्ट पर स्कूल व स्टाफ के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो गए। ग्रामीणों का गुस्सा स्कूल पर तालाबंदी तक पहुंच गया। ग्रामीण टीचरों को हटाने की मांग पर अड़ गए। मामला राजसमन्द जिले के पीपरड़ा गांव का है। सरकारी स्कूल का इस बार का परिणाम खराब रहा। ग्रामीणों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए स्कूल के गेट पर तालाबंदी कर दी। पीपरड़ा की महिला सरपंच सीता पालीवाल व गणेश पालीवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए स्कूल के गेट पर तालाबंदी कर दी। लापरवाही करने वाले टीचर के खिलाफ कार्यवाही व गणित, अंग्रेजी सहित अन्य रिक्त पढे पदों पर टीचर लगाने की व्यवस्था की मांग की गई। इस दौरान स्कूल गेट पर तालाबंदी की सूचना पर शिक्षा विभाग भी हरकत में आया। आनन-फानन में पीपरड़ा स्कूल पर अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरोत्तम दाधीच पहुंचे व ग्रामीणों से समझाइश की। बात होने के बाद स्कूल गेट का ताला खुलवाया। इस दौरान संस्था प्रधान कीर्ती अग्रवाल ने स्कूल के खराब परिणाम की बात मानते हुए बताया कि कि 2 साल से कोरोना काल के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है। अंग्रेजी व गणित के टीचर भी नही हैं। ऐसे में वैकल्पिक रूप से अन्य टीचर व पंचायत सहायक की सेवाए ली गईं। ग्रामीणों के अनुसार स्कूल में 10 वीं क्लास मे कुल 47 स्टूडेंट्स थे। जिसमें मात्र 9 पास हुए हैं। 19 स्टूडेंट्स सप्लिमेंट्री व 19 फेल हो गए हैं। स्कूल में गणित व अंग्रेजी के टीचर नहीं होने का खामियाजा स्टूडेन्ट्स को भुगतना पड़ रहा है। फर्स्ट डीविजन से पास होने वाले स्टूडेन्ट्स के भी गणित सब्जेक्ट में ग्रेस लगा है। 11 स्टूडेन्ट्स ऐसे हैं जो सभी विषयों में फेल हो गए हैं। जिससे स्कूल स्टाफ की शिक्षण व्यवस्था पर भी सवाल खडे़ होते हैं।
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