जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के लिए हत्यारों ने जिस मेटल से हथियार बनाए, वो पत्थर काटने के काम आता है। रियाज और गौस मोहम्मद ने एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री में ही ये हथियार बनाए। इसके अलावा उन्होंने मर्डर से पहले और बाद में उसी फैक्ट्री के ऑफिस में सोफे पर बैठकर VIDEO भी बनाए। उदयपुर के सपोटिया गांव की एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री पहुंची। फैक्ट्री में अब भी वो हैवी मेटल पड़े थे, जिनसे हथियार बनाए गए। फैक्ट्री में हथियार और वीडियो बनाने की बात सामने आने के बाद पुलिस तैनात कर दी गई है। फैक्ट्री में पहले से कटर बनाने के लिए रॉ-मटेरियल रखा था। कटर से पत्थर कटते हैं तो इनमें काम आने वाली रिंग भी हैवी मेटल की होती है। इसलिए रियाज ने इसी से हथियार बनाने की सोची। इसी फैक्ट्री में कटर रिंग से उसने छुरे का रूप दिया और हथियार तैयार किए। शोएब ने एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री 6 साल पहले ही सपोटिया गांव में शुरू की थी। हैवी मेटल से माइंस के लिए मशीनें बनाकर वह राजस्थान से लेकर गुजरात में बेचता है। पड़ोस के लोगों ने बताया कि उसका काम काफी अच्छा चल रहा था। कुछ महीने पहले उसका एक्सीडेंट भी हो गया था। दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे। एक्सीडेंट के बाद से वह फैक्ट्री में कम ही आता जाता था। गौस मोहम्मद इसी फैक्ट्री में वेल्डर का काम करता था। रियाज के साथ मिलकर उसने ऐसा हथियार बनाने की प्लानिंग की, जिससे बडे़ ही आराम से सिर को गर्दन से काटा जा सके। दोनों फैक्ट्री में पहुंचे। यहीं पर हैवी मेटल से उन्होंने खंजर बनाए। ये हैवी मेटल पत्थरों को काटने की मशीन में काम में लिए जाते हैं। हैवी मेटल के बने हुए पत्थर काटने वाली मशीन के औजार मिले। इसके अलावा कई छोटे-छोटे हैवी मेटल के टुकड़े भी मिले। जिन्हें अलग से हथियार बनाने के लिए काटा गया था। फैक्ट्री में गैस सिलेंडर से लेकर धार देने वाली मशीन भी रखी थी।
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