नई दिल्ली. मानसून को लेकर अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने कहा है कि देश में जुलाई में 94% से 106% के बीच औसत बारिश होने की संभावना है। इधर, जुलाई के पहले दिन राजस्थान के सीकर, चुरू और अजमेर और महाराष्ट्र के मुंबई में झमाझम बादल बरसे। वहीं, मध्य प्रदेश के भोपाल में दो घंटे में 3.2 इंच पानी गिरा। पूरे जून में इतनी बारिश नहीं हुई, जितनी एक दिन में हो गई। मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मानसून देरी से पहुंचा, लेकिन जुलाई के पहले दिन से सभी जगह जोरदार बारिश शुरू हो गई है। कहीं किसानों को फायदा होता नजर आ रहा है, तो कहीं से बाढ़ और बर्बादी की तस्वीरें भी सामने आई हैं। मध्य प्रदेश में मानसून की बारिश के हालात देखें तो सबसे तेज बारिश भोपाल में हुई, यहां दो घंटे में ही 3.2 इंच पानी गिर गया। 24 घंटे में शुक्रवार दोपहर तक नर्मदापुरम में 5.5 इंच, बैतूल में 5 इंच, देवास, सीहोर में 4.5-4.5 इंच, उज्जैन, अशोकनगर, मंदसौर 3-3 इंच पानी गिर चुका था। नर्मदापुरम् के तवा डैम में 30 घंटे में 5 फीट पानी बढ़ा। इसके अलावा बैतूल के सतपुड़ा डैम से भी पानी छोड़ने के कारण जलस्तर बढ़ा। बारिश से सागर में धसान नदी उफान पर आ गई। बंडा ब्लॉक के बरायठा इलाके में परसुवां गांव से लगे जंगल में बकरियां चराने गए तीन चरवाहे नदी में फंस गए। वे गुरुवार रातभर नदी के दूसरी तरफ फंसे रहे। शुक्रवार को उन्हें 15 बकरियों समेत रेस्क्यू कर निकाला गया। प्रदेश में 8 दिन देर से पहुंचा मानसून तेजी पर है। शुक्रवार काे चूरू के राजगढ़, झुंझुनूं, सीकर, अजमेर में सड़कें लबालब हाेने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। अजमेर में शुक्रवार को 4 इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। पिछले 11 साल में जुलाई महीने में अजमेर में हुई यह सर्वाधिक बरसात है। बारिश के बाद अजमेर शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया।
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