हनुमानगढ़. हनुमानगढ़ जिले के डबली राठान कस्बे से 25 जून को इंटेलिजेंस टीम ने पाकिस्तान को भारत की सामरिक सूचनाएं देने के आरोप में अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार किया है। सत्तार का बचपन से पाकिस्तान से कनेक्शन रहा है। अब्दुल सत्तार की मां मुमताज बेगम का ननिहाल पाकिस्तान के अड्डा लुहारका तहसील बहावल नगर जिले में है। अब्दुल सत्तार अपनी मां के साथ उसके ननिहाल आया-जाया करता था। इस वजह से सत्तार का पाकिस्तान कनेक्शन जुड़ा। वह महज 14 साल की उम्र में पाकिस्तान गया था और अब तक 5 बार पाक जा चुका है। इस मामले में अब तक हुई जांच में सामने आया कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान के विभाजन के समय अब्दुल सत्तार के परिवार के कुछ लोग पाकिस्तान में रह गए थे। इस वजह से उनका पाकिस्तान आना-जाना लगा रहता है। अब्दुल सत्तार डबली राठान कस्बे के जोधका बास मोहल्ले का रहने वाला है। इंटेलिजेंस एजेंसियों की ओर से की जा रही पूछताछ में सामने आया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बॉर्डर पोस्ट एवं सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की जानकारी, फोटोग्राफ, वीडियो आदि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से साझा किए हैं। इसके बदले आईएसआई की तरफ से काफी मात्रा में फंडिंग भी की गई है। अब्दुल सत्तार पाकिस्तान पहली बार 2010 में गया था। उस समय सत्तार महज 14 साल का था। वह 2010 के बाद 4 बार ओर पाकिस्तान जा चुका है। वह आखरी बार 2017 में पाकिस्तान गया था। वह जब भी वह पाकिस्तान गया तब-तब काफी दिन रुक कर आया है। कोरोना काल के बाद सत्तार पाकिस्तान नहीं जा पाया। सत्तार ने 10वीं तक पढ़ाई की है। सत्तार के एक बहन है जिसका निकाह डबली राठान गांव में ही हुआ है। पिता के 2020 में देहांत के बाद सत्तार और उसकी मां अकेले ही रहते थे। उनका मकान आज भी पुराना ही है। खुफिया एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया कि अब्दुल सत्तार को पाकिस्तान से काम के बदले में पैसा भी भेजा गया था। वो पैसा कितना था या कितनी बार भेजा गया इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, पाकिस्तान से आए रुपए का इस्तेमाल वह पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों के कहे अनुसार ठिकानों पर पहुंचने और अपने खर्चे में इस्तेमाल करता था। इस संबंध में मोबाइल फोन, बैंक खातों की डिटेल को खंगाला गया है। आरोपी ने आईएसआई से संपर्क स्वीकार किए हैं और बताया है कि जासूसी करता था।
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