श्रीगंगानगर. अमरनाथ में बादल फटने से श्रीगंगानगर के दो लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में श्रीगंगानगर के ट्रैफिक थाने के पूर्व इंचार्ज सुशील खत्री और उनकी रिश्तेदार महिला सुनीता वधवा शामिल हैं। श्रीगंगानगर से श्रद्धालुओं का जत्था तीन जुलाई को रवाना हुआ था। जत्थे में सत्रह लोग बाबा बर्फानी के जयकारे लगाते हुए हंसी खुशी रवाना हुए थे। यात्रा को लेकर सभी उत्साहित थे, लेकिन शुक्रवार शाम को हुए हादसे से खुशियों को नजर लग गई। पुलिस की नौकरी से 9 दिन पहले रिटायर हुए खत्री पत्नी और बेटे के साथ यात्रा पर गए थे। श्रीगंगानगर के रिटायर्ड CI सुनील खत्री (61) ने अंतिम समय तक फर्ज निभाया। वे जलसैलाब में बहते लोगों को बचाते रहे। इसी दौरान वो खुद भी बह गए। खत्री अमरनाथ गुफा के पास टैंट में ठहरे हुए थे। शाम को जलसैलाब आया और टैंट बहने लगा। पुलिस अफसर सुनील खत्री, उनकी समधन सुनीता और सुनीता के पति मोहनलाल सहित श्रीगंगानगर के कई लोग मौजूद थे। खत्री श्रीगंगानगर में ही तैनात थे और 30 जून को ही रिटायर हुए थे। वे मूलरूप से बीकानेर के रहने वाले थे। श्रीगंगानगर की अमरनाथ लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष नवनीत शर्मा ने बताया कि अमरनाथ यात्रियों का जत्था तीन जुलाई को श्रीगंगानगर से रवाना हुआ था। यह जत्था अमरनाथ में गुफा पर पहुंचने के बाद इन यात्रियों ने लंगर में विश्राम किया। उन्होंने पूर्व ट्रैफिक थाना इंचार्ज सुशील खत्री की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि खत्री से तो उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन जत्थे में शामिल श्रीगंगानगर के कपड़ा व्यापारी मोहनलाल वधवा और उनकी पत्नी सुनीता वधवा से वे मिले थे। हादसे में सुनीता वधवा की भी जान चली गई। गौरतलब है कि शुक्रवार शाम को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया था। इसमें 13 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। कई अन्य अभी लापता बताए जा रहे हैं। कोटा-भरतपुर सहित राजस्थान के अन्य जिलों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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