जयपुर. राजस्थान के एकमात्र वाइट टाइगर चीनू की लंबी बीमारी के बाद रविवार सुबह मौत हो गई। चीनू को पिछले साल 17 मार्च को जू एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उड़ीसा की नंदन कानन जू से जयपुर लाया गया था। इसके बाद से ही चीनू नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बन गया था। पिछले 1 सप्ताह से चीनू की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उसने खाना पीना भी छोड़ दिया। इसके बाद वन विभाग द्वारा चीनू का उपचार भी किया जा रहा था। रविवार सुबह चीनू ने दम तोड़ दिया। जयपुर के सीनियर वेटरनरी डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि चीनू पिछले कुछ वक्त से किडनी की बीमार से परेशान चल रहा था। इसके बाद बीते 1 सप्ताह से मेडिकल बोर्ड की देखरेख में लगातार चीनू का इलाज जारी था। ड्रिप लगा उसके टेस्ट भी करवाए गए थे। शनिवार को चीनू की तबीयत में सुधार भी हुआ था। रविवार को उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। ऐसे में अब मेडिकल बोर्ड की देखरेख में तीनों के पोस्टमार्टम के बाद ही उसकी मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा। जयपुर में पिछले 33 महीने में 10 बिग कैट्स की मौत हो चुकी है। इनमें 3 की केनाइन डिस्टेंपर, 1 की कार्डियक अरेस्ट, 3 की लैपटॉपायरोसिस और 2 की अन्य बीमारी से मौत हुई है।इनमें सुजैन शेरनी की 19 सितंबर 2019 को केनाइन डिस्टेंपर से मौत हुई। इसके बाद रिद्धि बाघिन की 21 सितंबर 2019 को केनाइन डिस्टेंपर से मौत।सीता (सफेद बाघिन) की 27 सितंबर 2019 को केनाइन डिस्टेंपर से मौत। रुद्र बाघ की 10 जून 2020 लेप्टोस्पायरोसिस से हुई मौत। सिद्धार्थ शेर की 11 जून 2020 को हुई लेप्टोस्पायरोसिस से मौत। राजा (सफेद बाघ) की 4 अगस्त 2020 लेप्टोस्पायरोसिस से हुई मौत। कैलाश शेर की 18 अक्टूबर 2020 को कार्डियक अरेस्ट से मौत। तेजस शेर की 3 नवंबर 2020 को लेप्टोस्पायरोसिस से मौत। तारा का शावक की 12 दिसंबर 2020 को कमजोरी से मौत। सफेद बाघ चीनू की 10 जुलाई 2022 को संभवतः लेप्टोस्पायरोसिस से मौत हुई है।
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