अजमेर. अजमेर दरगाह के बाहर भीड़ के सामने भड़काऊ भाषण और नारेबाजी के मामले में आरोपी गौहर चिश्ती व उसे शरण देने वाले हैदराबाद निवासी अहसानुल्लाह उर्फ़ मुन्नवर में बीस साल पुराने सम्बन्ध है। इनका परिचय अजमेर में ही हुआ। इसके बाद खुद गौहर भी कई बार हैदराबाद गया। गौहर पुलिस रिमांड पर है और पूछताछ के दौरान कईं राज खुलने की उम्मीद है। मददगार बना अहसानुल्लाह हैदराबाद की तोपखाना मस्जिद जो कि बेगम बाज़ार थाना इलाक़े का क्षेत्र है, वहां रानी बैंगलस नाम से चूड़ियों का कारोबार करता है। गौहर ने पुलिस से बचने के लिए एक जुलाई से मुन्नवर का मोबाइल इस्तेमाल किया था। पुलिस ने गौहर के साथ उसे भी पकड़ा और पूछताछ की अहसानुल्लाह की फेसबुक आईडी पर कई पोस्ट है। उसकी भी पुलिस जांच में जुटी है। साथ ही इनके मोबाइल की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। इनका किन किन लोगों से सम्पर्क है और अब तक क्या क्या किया, इसकी भी जांच की जा रही है। आरोपी गौहर चिश्ती को पकड़ने के लिए जब पुलिस ने दबिश दी तो वह बाथरूम में था। भनक लगते ही बाथरूम की खिड़की तोड़कर छत पर कूदा और एक छत से दूसरी छत पर भागा, लेकिन पुलिस ने पीछा कर पकड़ लिया। इस दौरान लोगों की भीड़ भी एकत्र हो गई और विरोध भी हुआ लेकिन पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से सख्ती दिखाते हुए उसे पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी गौहर चिश्ती को पकड़ने के लिए कई रूप बदलने पडे़। इसके लिए भिखारी, रेहड़ी वाले व दुकानदार तक बने। इसके लिए चार दिन रैकी भी की। इस दौरान गौहर ने खुद के मोबाइल का कोई उपयोग नहीं किया बल्कि अहसानुल्लाह के मोबाइल से ही अपने कान्टेक्ट से सम्पर्क में रहा। सूत्रों के अनुसार, गौहर के बैंक खाते से 17 जून और उसके आस आस एक बड़ी धनराशि का ई-ट्रांसफर हुआ है। जो करीब 20 से 22 लाख बताई जा रही है। हालाकिं पुलिस ने इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी। एसपी ने इतना ही कहा कि फाइनेसिंल ट्रांजेक्शन की भी जांच की जाएगी। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों आरोपी अजमेर आ रहे थे और यहां आकर गौहर चिश्ती से मिलने वाले थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही दबोच लिया।
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