ब्राजील में आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। वर्कर्स पार्टी के लूला डा सिल्वा और सोशल लिबरल पार्टी और ब्राजील के वर्तमान राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के बीच मुकाबला है। बोल्सोनारो की हार लगभग तय मानी जा रही है। शनिवार यानी 1 अक्टूबर के आखिरी पोल में बोल्सोनारो को 39 फीसदी जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी लूला डा सिल्वा 54 फीसदी वोट की संभावना है। वोटों का अंतर और बढ़ सकता है। बोल्सोनारो ने अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाना शुरू कर दिया है। इसके बाद 22 करोड़ की आबादी वाला ब्राजील छावनी में तब्दील हो गया है। वोटिंग के दौरान हिंसा की आशंकाएं हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के घोर समर्थक बोल्सोनारो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव में हार के नतीजों को नहीं मानने के लिए कह रहे हैं। मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी तक हथियार नहीं ले जाने के आदेशों के बावजूद कई जगह बोल्सोनारो समर्थक खुलेआम हथियारों के साथ घूम कर वोटरों को धमकाने में लगे हुए हैं। बोल्सोनारो ने अपने चार साल के राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल के दौरान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अनुसरण किया। लेकिन जहां ट्रम्प ने चुनावों में हार के बाद वोटिंग फ्रॉड का मामला उछाला था। वहीं बोल्सोनारो वोटिंग से पहले ही फ्रॉड के मुद्दे को उछाल कर अपने समर्थकों को भड़का रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव संचालन समिति के अहम पदाधिकारी लूला के समर्थक हैं। लूला के साथ साजिश रचकर उन्होंने वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी कर दी है। ब्राजील में 1996 से EVM से वोटिंग होती आ रही है। लेकिन कभी भी वोटिंग मशीनों की निष्पक्षता संदेह के घेरे में नहीं आई है।
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