जयपुर. कल मानसून ने राजस्थान को अलविदा कह दिया। मौसम केंद्र नई दिल्ली ने कल राजस्थान समेत सम्पूर्ण राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात के आंशिक हिस्सों से मानसून की विदाई की घोषणा की। हालांकि बंगला की खाड़ी में बने सिस्टम से राज्य के 7 जिलों में कल से बारिश का दौर शुरू होना है। जिसे पोस्ट मानसून रेनफॉल कहा जाएगा। 96 दिन एक्टिव रहने के दौरान इस बार मानसून ने 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक भले ही मानसून की विदाई राजस्थान से हो गई हो, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का असर आज देर शाम से राजस्थान में देखने को मिल सकता है। भरतपुर संभाग के जिलों धौलपुर, करौली, भरतपुर में आज देर शाम मौसम में बदलाव हो सकता है। आसमान में बादल छाने के साथ हवाएं चल सकती है। मौसम केन्द्र जयपुर ने कल भरतपुर, अलवर, बारां, दौसा, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में आसमान में बादल छाने, बिजली चमकने और कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना जताई है। राजस्थान में इस बार मानसून 30 जून को (सामान्य से 8 दिन की देरी से) प्रवेश किया था। तब से राजस्थान में रूक-रूक कर लगातार बारिश का दौर चला। सबसे ज्यादा बरसात जुलाई महीने में हुई। इस महीने 270MM औसत बरसात हुई, जो 66 साल में जुलाई के महीने में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड बना था। राजस्थान में मानसून की बारिश में सबसे ज्यादा प्रभाव बंगाल की खाड़ी का रहता है। यहां बनने वाले सिस्टम से ही राजस्थान में अच्छी बरसात होती है। मौसम केन्द्र से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस सीजन जुलाई से सितम्बर तक 11 सिस्टम बने, जिससे राजस्थान में इस साल रिकॉर्ड बरसात हुई। राज्य में 1 जून से 30 सितम्बर तक 595.9MM बारिश हुई, जो औसतन 435.6MM बरसात से 37 फीसदी ज्यादा है। ये पिछले 11 साल में किसी भी सीजन में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है।
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