नागपुर. नागपुर में गुरुवार को भारत मुक्ति मोर्चा के मेंबर्स ने संघ मुख्यालय घेरने की कोशिश की। इसके बाद 200 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। मोर्चा ने रैली की इजाजत मांगी थी, जो नहीं मिली। इसके बाद मोर्चा के मेंबर्स संघ का मुख्यालय घेरने के लिए रवाना हुए। तब पुलिस ने एक्शन लिया है। मोर्चा ने जब रैली की इजाजत मांगी थी, तब पुलिस ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जाहिर की थी और मंजूरी नहीं दी थी। मोर्चा हाईकोर्ट गया और कहा कि रैली की जगह केवल सभा भी कर सकते हैं। हालांकि, पुलिस ने तब भी कानून-व्यवस्था का ही प्रश्न उठाया। पुलिस ने कहा कि जहां सभा करने की बात कही जा रही है, वह मैदान छोटा है। भीड़ संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी मोर्चा की याचिका निरस्त कर दी। बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा ने धम्मचक्र परिवर्तन दिवस पर 6 अक्टूबर को नागपुर के बेझनबाग में सभा करने का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए अनुमति नहीं दी। इसके बाद बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा ने संघ मुख्यालय घेरने की घोषणा कर दी। बामसेफ का आरोप है कि बाबा साहेब के धम्मचक्र में सरकार ने संघ के लोगों की एंट्री करा दी और संघ संविधान विरोधी है। नागपुर CP अमितेश कुमार नें बताया कि बेझनबाग मैदान पर भारत मुक्ति मोर्चा सभा करना चाहता था, लेकिन पुलिस नें अनुमति नहीं दी। इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भी आयोजन को अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद भारत मुक्ति मोर्चा सभा जबरन हल्लाबोल मोर्चा की तैयारी कर रहा है। इसी को लेकर लोग इकट्ठा हो रहे हैं। पुलिस ने कहा कि मोर्चा के नेता पुलिस प्रशासन के साथ मिले और चर्चा करें। मोर्चा के लिए अनुमति दी जाएगी, लेकिन 6 अक्टूबर और 9 अक्टूबर को नहीं। इन दोनों तारीख पर अनुमति नहीं दी जा सकती, जिस पर हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी हैं।
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