देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत को सधा हुआ नेता माना जाता है, जो विरोधियों की तारीफ भी अपने ही अंदाज में करते हैं. जिसके सियासी मायने विपक्षी खेमे में हलचल मचाने के लिए काफी होते हैं. कुछ ऐसा ही चिर परिचित अंदाज हरीश रावत का फिर देखने को मिला है. हरीश रावत अपने धुर विरोधी पार्टी बीजेपी के नेता की तारीफ करते दिखाई दे रहे हैं. वो नेता गृहमंत्री अमित शाह हैं, जिनकी उन्होंने खुलकर तारीफ की लेकिन साथ ही पार्टी पर निशाना भी साधा. हरीश रावत नसीहत देने से भी पीछे नहीं रहे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया) पर लिखा कि कांग्रेस की सभाओं के मध्य जब कभी नजदीकी मस्जिद से अजान होती थी, तो कांग्रेस के नेतागण सम्मान में अपना भाषण रोक देते थे. भाजपा इसको हमारी मुस्लिम परस्ती बताकर कांग्रेस के खिलाफ लोगों की भावनाओं को उकसाती थी. बहुत अच्छा लगा यह देखकर कि अब भाजपा भी बदल रही है. हिंदुस्तान ने बड़े कट्टपंथियों को बदला है तो भाजपा के नेता आदरणीय अमित शाह जी को बदला हुआ रूप देखकर अच्छा लगा. बारामुला की एक सभा जिसको अमित शाह संबोधित कर रहे थे, पड़ोस की मस्जिद से अजान के स्वर गूंजे तो अमित शाह जी ने अपना भाषण रोक दिया. इससे हिंदुस्तान की पहचान मजबूत हुई है. काश और भी कट्टरता जो लोगों के अंदर विद्वेष फैलाती है, वह कट्टरता जो दूसरों को भी कट्टर बनाती है और देश को कमजोर करती है, उन आदतों को भी भाजपा बदल डाले तो अच्छा लगेगा. बारामूला में अमित शाह को सुनने के लिए लोगों की भीड़ जुटी थी. मंच से खुद गृहमंत्री भी पूरे जोश में संबोधन दे रहे थे. इसी बीच उन्हें पता चला कि पास ही मस्जिद में अजान शुरू हो गई है. यह खबर लगते ही उन्होंने अपना भाषण बीच में रोक दिया. उन्होंने कहा, 'मुझे अभी चिट्ठी मिली है कि मस्जिद में अभी समय हुआ है प्रार्थना का.' इसलिए भाषणा रोक रहा हूं. कुछ समय बाद उन्होंने जनता से ही पूछकर मंच से दोबारा अपनी बात रखनी शुरू की. उन्होंने पूछा, 'मैं चालू करूं क्या फिर से, जरा जोर से बोलो चालू करूं भाई.'
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