हैदराबाद: आतंकी साजिश मामले में एसआईटी (SIT) जांच जारी है. पुलिस ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल को कब्जे में ले लिया है और उनका विश्लेषण कर रही है. आरोपित की पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से बातचीत का पता लगाया जा रहा है. इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. हथगोले मनोहराबाद कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है. एसआईटी अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि दशहरा धमाकों में आरोपियों की मदद किसने की? चीन में बने हथगोले मेडक जिले के मनोहराबाद में कैसे पहुंचे, पाकिस्तानी आतंकियों को ड्रोन की मदद से कश्मीर में गिराया गया... वे वहां से मनोहराबाद कैसे चले गए? इसमें कौन शामिल है? एसआईटी के अधिकारी अभी भी इस बात की जांच कर रहे हैं कि यहां सिर्फ 4 हैंड ग्रेनेड ही पहुंचे...या कहीं ज्यादा मात्रा में पहुंचे? 28 सितंबर को समीउद्दीन दोपहिया वाहन पर हैदराबाद से मनोहराबाद गया, 4 हथगोले लिए और अगले दिन शहर पहुंचा. मनोहराबाद में समीउद्दीन को हथगोले कहां से मिले. जांच इस बात से चल रही है कि उन्हें किसने सौंपा. एसआईटी पुलिस ने अब्दुल जाहिद के 2 सेल फोन, समीउद्दीन से संबंधित एक मोबाइल फोन और मेजर हसन के पास से दो मोबाइल फोन पहले ही जब्त कर लिए हैं. पुलिस इनकी गहनता से जांच कर रही है. वे इस बात का ब्योरा जुटा रहे हैं, कि पिछले कुछ महीनों में किसने किससे बात की. पुलिस ने पाया कि जाहिद तीन साल से धमाकों की योजना बना रहा था. तीनों को गिरफ्तार करने के लिए काउंटर इंटेलिजेंस, एसआईटी और टास्क फोर्स पुलिस ने कई जगहों पर चेकिंग की और 20 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस दोनों की भूमिका का पता लगाने में जुटी है. एसआईटी अधिकारियों का मानना है कि अगर तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो और जानकारी सामने आएगी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दशहरा विस्फोट साजिश मामले में भी विवरण एकत्र किया है. एनआईए अधिकारी मामला दर्ज करने और जरूरत पड़ने पर जांच करने की योजना बना रहे हैं.
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