अमृतसर : पंजाब में एक बार फिर पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बारे में एक किसान ने दावा किया है कि पराली को हटाने के लिए हमारे पास मशीनरी नहीं है. इसके अलावा हमारे पास बहुत कम जमीन है और इसे खुद काटने के लिए संसाधन नहीं हैं, इसे जलाना ही एकमात्र उपाय है जो संभव है. बता दें कि केंद्र सरकार ने धान की पराली जलाए जाने पर कारगर ढंग से लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार को एक व्यापक कार्ययोजना बनाने के कहा है. कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिलक्ष लिखी ने पंजाब सरकार के अधिकारियों को पराली जलाने पर नियंत्रण करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने के लिए कहा था. धान की कटाई के बाद पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से वायु गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता रहा है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, लीखी ने पंजाब के एसएएस नगर जिले की खरार तहसील में फसल अवशिष्ट प्रबंधन पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए पराली प्रबंधन के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करने की जरूरत पर बल दिया था. राज्यों को मशीनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने, फसल अवशिष्ट प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों के साथ पूरक ढंग से जैव-अपघटक का इस्तेमाल बढ़ाने और बायोमास-आधारित बिजली संयंत्रों जैसे उद्योगों से आने वाली मांग को पूरा करने के लिए पुआल-भूसे का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए भी कहा गया है.
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