जयपुर. इन्वेस्ट राजस्थान समिट को लेकर बीजेपी नेताओं के बयानों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। सीएम अशोक गहलोत ने लिखित बयान जारी करके बीजेपी पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा- 3000 से अधिक निवेशकों में सभी विचारधाराओं के व्यापारी शामिल थे। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि कई व्यापारी किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो क्या वे दूसरे राज्यों में निवेश नहीं करते? गहलोत ने कहा- मुझे ये समझ नहीं आया कि भाजपा ने इस कार्यक्रम का विरोध क्यों किया? आप अशोक गहलोत का विरोध करिए, कांग्रेस का विरोध करिए पर राजस्थान के युवाओं के भविष्य के मौकों का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या राजस्थान भाजपा हमारे इतने अंधविरोध में आ गई है कि वह प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए हो रहे कामों का भी विरोध करेगी? क्या भाजपा अब अशोक गहलोत का विरोध करते करते राजस्थान का ही विरोध करने पर उतारू हो गई है? राजीव जी के समय इन्होंने कम्प्यूटर का विरोध बैलगाड़ी से चलकर किया था। आज पूरा प्रदेश देख रहा है कि जब राजस्थान में आने वाले निवेश और नौकरियों का विरोध कर भाजपा राजस्थान का अहित करने का प्रयास कर रही है। गहलोत ने कहा- मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली UPA सरकार के समय भी हमने राइट आधारित कानून बनाए और आम आदमी को हक दिया। मनरेगा, RTI, RTE, NFSA जैसे कानून बनाए गए। बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है। देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट राजस्थान में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं। इनमें अंबानी-अडानी, लक्ष्मीनिवास मित्तल, बिरला, बजाज जैसे मशहूर उद्योगपति भी शामिल हैं। इससे 11 लाख लोगों के लिए रोजगार का रास्ता खुलेगा। 10 लाख करोड़ रुपए का तो प्रपोजल सबमिट हो चुका है। आइए जानते हैं, आखिर ये सब संभव कैसे हो पाएगा? इसके लिए सरकार किस तरह के प्रयास कर रही है? UPA सरकार के 10 सालों में 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया। साथ ही, MSME, छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों तक को साथ लेकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। 2006 में MSME एक्ट बनाने के बाद MSME मंत्रालय का गठन भी पहली बार यूपीए सरकार के दौरान किया गया। यही वजह थी कि जब देश में आर्थिक मंदी आई तब भी भारत में मंदी नहीं आई।
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