पटना. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे कि नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है। तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद कि 'जगदानंद ने नाराजगी जैसी कोई बात हमसे नहीं कही है। बैठक में वे शामिल होंगे कि नहीं निर्णय उनको लेना है।' तेजस्वी यादव का यही बयान राजद के अंदर की राजनीति को समझने के लिए काफी है कि 'बैठक में शामिल होंगे कि नहीं निर्णय उनको लेना है।' मतलब साफ जगदानंद सिंह के पाले में गेंद डाल दिया गया है। जगदानंद सिंह के बारे में एक बात सभी जानते हैं कि वे राजद में सिर्फ लालू प्रसाद को जानते हैं। एक बार उन्होंने कहा भी भी था कि हू इज तेजप्रताप, मैं सिर्फ लालू प्रसाद यादव को ही जानता हूं। जगदानंद सिंह रीढ़हीन होकर राजद में रहने वाले नेता नहीं है। उनको ऐसे लगेगा तो वे संन्यास भी ले सकते हैं। जगदानंद सिंह ने एक सप्ताह पूर्व पार्टी की ओर से एक पत्र एक अक्टूबर को जारी किया गया था। उसमें कहा गया था कि 'उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन और राज्य सरकार के नेतृत्व से संबंधित सवालों पर कोई नहीं बोलेगा। पत्र में उन्होंने कहा था कि- सभी सांसद, विधायक, पदाधिकारियों और नेताओं से आग्रह किया जाता है कि सरकार और नेतृत्व से संबंधित सवालों पर किसी टिप्पणी से परहेज करें। विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था कि गठबंधन, नेतृत्व और इससे जुड़े फैसलों और विषयों पर आधिकारिक बयान के लिए सिर्फ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही अधिकृत हैं।'
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