जेल की सलाखें भी अब वंश बढ़ाने की गवाह बनेंगीं। जेल में बंद पति या पत्नी अपने लाइफ पार्टनर से एकांत में मिल सकेंगे। चौंकिए मत, यह पहल पंजाब सरकार ने की है और इसकी वजह है पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इसी साल पहुंचे कुछ मामले। लेकिन यह सुविधा अभी हर अपराधी के लिए नहीं है। कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर और यौन अपराधों से जुड़े मामलों में सजा काट रहे कैदियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी। जेल अधिकारी ने बताया कि इसके लिए कैदी पहले जेल प्रशासन को एप्लिकेशन देता है। अर्जी मंजूर होने के बाद अच्छे आचरण वाले कैदियों को दो घंटे तक अपने जीवनसाथी के साथ रहने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए जेल प्रशासन ने अलग कमरे तैयार किए हैं, जिनमें अलग डबल बेड, टेबल और अटैच बाथरूम भी होगा। इस तरह की मुलाकात से पहले पंजाब सरकार ने कुछ नियमों की लिस्ट भी तैयार कर रखी है। इसमें सबसे पहले शादी का प्रमाण-पत्र है। इसके लिए सबसे पहले पति-पत्नी होने का मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रमाण-पत्र मेडिकल सर्टिफिकेट होगा। जिसमें HIV, यौन संचार रोग (STD), कोरोना संक्रमण व अन्य ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद जेल प्रशासन दो घंटे का समय देगा, जिस पर पति-पत्नी अकेले में समय बिता सकेंगे। जेल में बंद कैदियों के साथ बाहर उनका परिवार भी सजा भोगता है। जेल से बाहर घर संभाल रही पत्नी को मानवाधिकारों के तहत वंशवृद्धि का अधिकार है। संविधान के आर्टिकल 21 के तहत महिला ही नहीं, हर किसी को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। भारत के बाहर कई देशों में जेल में बंद कैदी एक अलग कमरे में अपने जीवन साथी से मिलते हैं। अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में ये सुविधा दी जाती है।
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