शिमला. शिमला जिला के बाघी क्षेत्र में चैरी के बगीचे अज्ञात बीमारी की गिरफ्त में आ गए हैं। इससे 50 प्रतिशत पौधे पूरी तरह सूख गए हैं। यह बीमारी तेजी से आसपास के बगीचों में पनप रही है। इससे बागवानों की चिंताएं बढ़ती जा रही है। बागवानों ने राज्य सरकार, बागवानी विभाग और डॉ. वाइएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी से इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है। प्लम ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने बताया कि बाघी क्षेत्र में चैरी के बगीचे तबाह हो गए हैं। बीमारी से पौधे पूरी तरह सूख रहे है। उन्होंने अज्ञात बीमारी की पर नियंत्रण पाने के लिए जल्द विशेषज्ञ की टीम भेजने का आग्रह किया है ताकि इस बीमारी को साथ लगते नारकंडा, थानाधार क्षेत्र में फैलने से रोका जा सके। इस बाबत उन्होंने बागवानी निदेशक, नौणी यूनिवर्सिटी को सूचित कर दिया है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते इस बीमारी को फैलने से नहीं रोका गया तो शिमला जिला में चैरी के बाग पूरी तरह उजड़ जाएंगे। बागवानी निदेशक आरके प्रुथी ने बताया कि चैरी के बगीचों में बीमारी की सूचना मिली है। इसकी जानकारी नौणी यूनिवर्सिटी को दे दी गई है। जल्द नौणी यूनिवर्सिटी की टीम बीमारी से ग्रसित चैरी के बगीचों का दौरा करेगी।
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