जयपुर. जोधपुर के निजी हॉस्पिटल में चल रहे विवाद के बाद अब जोधपुर के डॉक्टर्स के समर्थन में जयपुर डॉक्टर्स ऑफ रेजिडेंट्स एसोसिएशन (जार्ड) भी उतर गया है। जार्ड अध्यक्ष डॉ. नीरज दामोर ने एक पत्र लिखकर प्रशासन से न्यायसंगत कार्यवाही करने और डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने दौसा वाली घटना का जिक्र भी किया और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन कोई सख्त कदम नहीं उठाएगा तो जार्ड को डॉक्टर्स के समर्थन में कोई न कोई कठोर कदम उठाना पड़ेगा। दरअसल पिछले दिनों जोधपुर के नहर चौराहा स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में एक 65 साल के बुजुर्ग को हार्ट में तकलीफ के चलते 24 अगस्त को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था। 29 अगस्त को मरीज का ऑपरेशन किया। इस दौरान हॉस्पिटल प्रशासन ने मरीज के परिजनों से एडमिट के समय 4 लाख और ऑपरेशन के समय 4.38 लाख रुपए जमा करवाए, लेकिन 11 सितंबर की रात मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद जब रुपए जमा कराने की बात आई तो परिजनों व हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बीच तनातनी बढ़ गई। परिजनों का आरोप था कि चिरंजीवी योजना में उनको लाभ नहीं दिया गया। इसके बाद परिजन रविवार रात को चिरंजीवी योजना में बीमा कवर नहीं देने और अस्पताल के खिलाफ लापरवाही बरतने को लेकर धरने पर बैठ गए। परिजनों ने डेड बॉडी हॉस्पिटल के बाहर ही रख दी और कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इधर इस विवाद में के बाद विरोध में डॉक्टर्स ने भी सोमवार को कैंडल मार्च निकाला। मंगलवार तक डेड बॉडी नहीं उठाने पर जोधपुर शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल के सारे डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कलेक्टर से हॉस्पिटल के मामले में डेड बॉडी हटाने की मांग की है। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय पहले दौसा में ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के मामले में परिजनों ने बवाल कर दिया था। मामला इतना बढ़ गया था कि परेशान होकर उस प्रसूता का इलाज करने वाली महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद इस घटना का पूरे देश में विरोध हुआ था।
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