नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद अब BCCI में कोई पदाधिकारी लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बना रहेगा। इसे बोर्ड के संविधान में कूलिंग ऑफ पीरियड कहा जाता है। इसके तहत किसी भी पदाधिकारी का कार्यकाल 3 साल तक का था। कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी ने 2018 में सिफारिश की थी। बाद में इन्हें तभी से लागू कर दिया गया। इनके मुताबिक, कोई भी पदाधिकारी पहले स्टेट बॉडी में तीन साल तक पद पर रहता है तो वह बोर्ड में तीन साल और पद पर रह सकता है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद, कोई भी पदाधिकारी तीन साल स्टेट और 6 साल बोर्ड में किसी भी पद पर रह सकता है। वर्तमान समय में BCCI में प्रेसिडेंट सौरव, जय शाह समेत पांच पदाधिकारियों ने बोर्ड और स्टेट बॉडी में 6 साल पूरे कर लिए हैं। सौरव गांगुली 23 अक्टूबर 2019 को BCCI के अध्यक्ष बने थे। इससे पहले वे 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव बने थे, फिर 2015 में उन्हें अध्यक्ष का पद मिला। इसी तरह, जय शाह 2014 में गुजरात क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव बने थे। कुछ सोर्स कि माने तो उनका कार्यकाल आठ सितंबर 2013 से ही शुरू हो गया था। यानी सितंबर 2013 से अक्टूबर 2019 तक वह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े रहे। इसके बाद BCCI सेक्रेटरी का पदभार उन्होंने 24 अक्टूबर 2019 को संभाला था। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रहेंगे।
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