कोलकाता. बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा के आरोपी की खुदकुशी पर CBI अफसर पर केस दर्ज किया गया है। इस साल की शुरुआत में बीरभूम के बोगतुई गांव में हुई हिंसा में ललन शेख मुख्य आरोपी था। CBI को 9 महीने से ललन शेख की तलाश थी। ललन को झारखंड के मुफस्सिल में नरोत्तमपुर से 10 दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था। ललन को CBI ने एक अस्थाई कैंप में कस्टडी में रखा था। जहां उसने खुदकुशी कर ली थी। बंगाल पुलिस ने बुधवार को जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। CBI इस FIR को कोलकाता हाईकोर्ट में चुनौती देगी। ललन की फैमिली ने कस्टडी में टॉर्चर के आरोप लगाए। कहा कि यह खुदकुशी नहीं, हत्या है। ललन की पत्नी ने कहा कि CBI अधिकारियों ने उसके पति को मारने की धमकी दी थी। केस में से नाम हटाने के लिए 50 लाख मांगे थे। हालांकि, CBI ने इन आरोपों को नकार दिया और कस्टडी में मौत पर जांच शुरू कर दी है। इसी साल 21 मार्च को बोगतुई में हुई हिंसा में 10 लोगों की जान गई थी। महिलाओं और बच्चों को जिंदा जलाया गया था। 9 महीने बाद दिसंबर में शेख को झारखंड से गिरफ्तार किया गया था। CBI कोलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की जांच कर रही है। अब तक जांच में सामने आया है कि लालन ने ही बोगतुई गांव में भीड़ को उकसाया था। यह हिंसा तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद हुई थी। CBI ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि भादू शेख की हत्या की वजह उसकी और उसके साथियों के बीच की दुश्मनी है। यह दुश्मनी जमीन सौदों, अवैध व्यापारों और फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर हुई थी।
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