जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मारवाड़ ने मुझे बचपन से बहुत प्यार दिया है इसलिए अब मांगते हुए संकोच होता है। तीन बार आप लोगों ने सीएम बनाया। कई बार स्थिति होती है जैसे घर का जोगी जोगना है। उन्होंने कहा कि अभी भी मैं रिटायर नहीं हो रहा हूं। गहलोत ने कहा कि रिटायर होकर घर बैठने का मतलब है बीमार होना। बचपन से जो व्यक्ति सेवा के कार्यों में लगा हो उसे यदि घर बैठा दिया जाए तो वह बीमार ही होगा, लेकिन मैं बीमार होना नहीं चाहता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जोधपुर के रावण का चबूतरा मैदान में पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव का उद्घाटन किया। यहां मुख्यमंत्री ने 1973 में पहली बार छात्र संघ का चुनाव लड़ने से लेकर अब तक के 50 साल के राजनीतिक करियर के अनुभव बताए। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के लिए काफी काम किए हैं। जो विकास प्रदर्शनी हमने देखी उसमें यह झलक देखने को मिलती है, लेकिन बदले में जोधपुर वालों ने क्या किया? बन्ना जी (गजेंद्र सिंह शेखावत) को लोकसभा भेज दिया, इस बार यह ठान लेना कि 2023 में जोधपुर की सभी सीटें कांग्रेस को दिलानी है और 2024 में बन्ना जी को लोकसभा में नहीं भेजना है। गहलोत ने मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के प्रसंज्ञान के मुद्दे पर कहा कि हाईकोर्ट ने ठीक ही कहा है। मुआवजे को लेकर नीति बननी चाहिए। लाश लेकर लोग बैठ जाते हैं। कई लोग राजनीति करते हैं। मैं इसके समर्थन में हूं, मुआवजे को लेकर एक नीति बनाएंगे। भूंगरा (जोधपुर) गांव में गैस लीक के बाद अग्निकांड में हुई मौतों पर राजनीति होने लग गई, बाहर के लोग आ रहे हैं। हमारी सरकार संवेदनशील है और जवाबदेह है। हम चिरंजीवी सहित कई योजनाएं लेकर आए हैं। एसीबी के विवादास्पद आदेश को लेकर कहा जो अधिकारी आए उनके दिमाग में यह बात रही होगी। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय था जब तक कुछ सिद्ध नहीं हो जाए तब तक उसकी पब्लिसिटी नहीं हो। पिछली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा उन्होंने जो किया था, जब मीडिया की तरफ से विरोध प्रकट किया गया था। उसमें मीडिया बगैर आदेश के कुछ छाप नहीं सकता था, उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती थी, लेकिन इस आदेश में ऐसा कुछ नहीं था। फिर भी कुछ गलत होगा तो विड्राॅ कर लेंगे। कई बार लोग बच जाते हैं और वास्तव में जो निर्दोष होता है उसकी बेइज्जती हो जाती है। मैंने उदयपुर के अंदर कहा था हमारा अभियान देश में नंबर वन पर है। एसीबी रेड का अभियान ऐसा किसी राज्य में नहीं है। एसीबी अपना काम करेगी। यह दुखद बात है कि छापे पड़ते है, लोग पकड़े जाते हैं। एसपी, कलेक्टर पकड़े जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हथकड़ी लगाने पर भी रोक लगा दी। अब मानव अधिकारों के नाम पर कई बातें होती है हमें माननी होती हैं।
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