जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपना दसवां बजट पेश किया। इस बजट में यूथ लेकर एग्रीकल्चर और हेल्थ सेक्टर में कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। मेडिकल सेक्टर के लिहाज से पश्चिमी राजस्थान को 500 करोड़ की लागत से बनने वाले मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की सौगात दी है।
दावा किया जा रहा है कि प्रदेश की इस दूसरी यूनिवर्सिटी की घोषणा के बाद मेडिकल सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है। इसका पूरा कॉन्सेप्ट जयपुुर के आरयूएचएस औ जोधपुर के एम्स की तर्ज पर होगा। सबसे बड़ा हादसा मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम अपग्रेड में होगा।
बजट में घोषणा के बाद राजस्थान के सभी जिलों में अब मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं। जालोर, राजसमंद और प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज सरकार अपने खर्चे पर बनाएगी। इधर, राजस्थान में जयपुर में एक ही राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (RUHS) है। ऐसे में झालावाड़, जयपुरिया समेत अन्य मेडिकल कॉलेज आरयूएचएस के अधीन हैं।
वहीं पिछले कुछ साालों में पाली समेत बाड़मेर, अलवर, नागौर, जैसलमेर, धौलपुर और सिरोही में खुले मेडिकल कॉलेज वर्तमान में राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के अधीन संचालित हो रहे हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश के आधे मेडिकल कॉलेज जोधपुर में बनने वाली मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी में मर्ज हो जाएंगे। इसमें पश्चिमी राजस्थान के पाली, सिरोही, बाड़मेर और जैसलमेर के मेडिकल कॉलेज के अलावा बीकानेर संभाग भी इसी यूनिवर्सिटी में मर्ज हो सकता है।
ऐसे में प्रदेश का मेडिकल एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम दो हिस्सों में बंट जाएगा। इसका पूरा सिस्टम एम्स और आरयूएचएस की तरह होगा।
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