सीकर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सीकर के डॉक्टर्स का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। प्राइवेट डॉक्टर्स ने शनिवार को 24 घंटे तक अपने हॉस्पिटल बंद किए हैं। ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल में व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। वहीं सुबह 9 से 11 बजे तक सरकारी डॉक्टर्स ने भी ओपीडी का बहिष्कार कर प्राइवेट डॉक्टर्स को अपना समर्थन दिया। ऐसे में सरकारी हॉस्पिटल में भी मरीजों को इलाज के लिए करीब 2 घंटे से ज्यादा समय का इंतजार करना पड़ा।
निजी हॉस्पिटल संघ के बीएल रणवा ने बताया कि प्रदेश सरकार प्राइवेट डॉक्टर्स के लिए काला कानून लेकर आ रही है। जिसके विरोध में प्राइवेट डॉक्टर पिछले 10 दिनों से लगातार विरोध जता रहे हैं। आज सीकर जिले के समस्त प्राइवेट हॉस्पिटल्स को 24 घंटे तक बंद रखकर इस बिल का विरोध जताया गया है। अब आगामी निर्णय प्रदेश नेतृत्व करेगा। यदि इसके बाद भी सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो मजबूरन डॉक्टर्स को हद पार करनी होगी। डॉक्टर्स अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
ओपीडी में ट्रीटमेंट के लिए आए मरीज ओमप्रकाश ने बताया कि वह सुबह 9 बजे के करीब सीकर के एसके हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए पहुंच गए थे। लेकिन यहां पता चला कि डॉक्टर्स की 2 घंटे की हड़ताल है और प्राइवेट हॉस्पिटल भी बंद पड़े हैं। ऐसे में ओमप्रकाश बिना ट्रीटमेंट करवाएं मेडिकल स्टोर से दवा लेकर ही वापस अपने गांव चले गए।
एसके हॉस्पिटल के डॉ. शिवरतन ने बताया कि प्राइवेट डॉक्टर्स को समर्थन देते हुए आज डॉक्टर ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया। हालांकि इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर्स ने चिकित्सा व्यवस्था संभाले रखी। इसके अलावा ट्रॉमा, मोर्चरी समेत तमाम व्यवस्था जारी रही।
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