जयपुर . इन्टरनेट पर मल्टीलिंग्वल के उपयोग को लेकर जागरूकता लाने के लिए फिक्की-आईएलआईए और लोकल इंडिया यूए चैप्टर तथा अन्य प्रमुख स्टेकहोल्डर्स निक्सी और आईसीएएनएन के सहयोग से आयोजित एक सेमीनार में अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एंड यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स विषय पर यह एक दिवसीय सेमिनार जयपुर में होटल आईटीसी राजपुताना में आयोजित की गई। इस सेमिनार को दिल्ली में भारत सरकार की ओर से 28 मार्च को सर्वप्रथम आयोजित होने वाले यूनिवर्सल एक्सेप्टेन्स डे के प्री-कर्सर इवेंट के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारत विश्व भर में मल्टीलिंग्वल इंटरनेट एक्सेप्टेन्स में अग्रणी देश के रूप में स्थापित होगा।सेमिनार के उद्घाटन भाषण में संबोधित करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार आयुक्त और संयुक्त सचिव आशीष गुप्ता ने कहा कि स्थानीय भाषा का अत्यंत महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सकता है। राजस्थान सरकार के जन सूचना पोर्टल पर 695 प्रकार की जानकारी रीयल टाइम डेटा के साथ आसानी से उपलब्ध है। इसके करीब 12 करोड़ यूजर्स हैं। राजस्थान की आबादी 8 करोड़ है, लेकिन पोर्टल के लोकप्रिय होने का कारण यह है कि यहां पर जानकारी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में पर्यटन विभाग ने डीओआईटी से भी कहा है कि वे अपनी वेबसाइट अलग-अलग भाषाओं, खासकर विदेशी भाषाओं में चाहते हैं। श्री गुप्ता ने भाषाओं की शक्ति के बारे में बताते हुए कहा कि एक समय था जब लोग सरकारी कार्यालयों में लाइनों में खड़े होते थे। आईटी क्रांति और कंप्यूटर के साथ बहुत सारे बदलाव हुए हैं। अब, हमारे पास ई-मित्र कियोस्क हैं और राज्य सरकार इंटेलिजेंट चैट बॉट विकसित कर रही है, जो सेवा प्रदान करने के लिए स्थानीय भाषाओं को समझ सकते है।
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