जयपुर. बिजनेसमैन के सुसाइड मामले में रिटायर्ड DSP, उसके बेटे सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कारोबारी मनमोहन सोनी ने 16 नवंबर (बुधवार) को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने इन तीनों के साथ मिलकर 6.5 करोड़ रुपए ब्याज पर इन्वेस्ट किए थे। बाद में यही पैसे फंस गए। उन्होंने वीडियो बनाकर सुसाइड करने की वजह बताई थी। इस बीच आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन बुधवार देर रात तक शास्त्री नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे। गुरुवार को पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस अफसर रमेश चंद्र तिवाड़ी, उनके बेटे सत्यार्थ तिवाड़ी एक अन्य व्यक्ति लोकपाल पारीक को गिरफ्तार कर लिया है। ये तीनों ब्याज, फाइनेंस और लोन का काम करते हैं। खुदकुशी करने वाले बिजनेसमैन और इन तीनों के बीच पैसों के लेन-देन का विवाद नया नहीं था। कोरोना से पहले मनमोहन ने आरोपियों के साथ मिलकर ब्याज पर चलाने के लिए पैसे इन्वेस्ट किए थे। आरोपियों ने जब रुपए नहीं लौटाए तो उन्होंने मामला दर्ज करा दिया। इस पर पूर्व डिप्टी एसपी ने अपने रसूख का फायदा उठाया। पुलिस ने मामले में बिना जांच के एफआर लगा दी। इसके बाद से इनके बीच ठन गई। आपको बता दे की मनमोहन सोनी का जयपुर में रिद्धि-सिद्धि चौराहे के पास डिपार्टमेंटल स्टोर है। वह तीनों आरोपियों को पहले से जानते थे। उन्हें पता था कि लोन के बदले काफी ब्याज देते हैं। इसी वजह से उन्होंने आरोपियों को साढ़े 6 करोड़ रुपए इन्वेस्टमेंट के लिए दे दिए। इस बीच कोरोना आ गया और लोगों ने किस्तें देनी बंद कर दीं। मनमोहन के करोड़ों रुपए डूबने लगे तो उन्होंने आरोपियों से लौटाने की बात कही। बताया जा रहा है कि इस पर आरोपियों ने कारोबारी को धमकाया कि वे रुपए नहीं लौटाएंगे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.