पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की पुरजोर वकालत की. पीएम के बयान से इस बात को और बल मिला है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की भाजपा सरकार यूसीसी बिल संसद में पेश कर सकती है. इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के यूसीसी पर दिए गए बयान को भाजपा की मुख्य मुद्दों से जतना का ध्यान भटकाने वाली रणनीति बताकर आलोचना की है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि पीएम द्वारा राष्ट्र और परिवार की तुलना करना और उनको एक ही पलड़े में तौलना बेमानी है. समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए पीएम मोदी ने पूछा कि क्या एक ही परिवार में दो तरह के नियम चल सकते हैं?
पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए राष्ट्र की तुलना परिवार से की. हालांकि, कुछ अर्थों में राष्ट्र और परिवार की तुलना सच लग सकती है, लेकिन वास्तविकता बहुत अलग है. एक परिवार खून के रिश्तों से एक सूत्र में बंधा होता है. एक राष्ट्र को संविधान द्वारा एक साथ लाया जाता है, जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है. यहां तक कि एक परिवार में भी विविधता होती है. भारत के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को मान्यता दी है. यूसीसी एक आकांक्षा हैण् इसे एजेंडा.संचालित बहुसंख्यकवादी सरकार द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता.’
चिंदबरम ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री यह प्रकट कर रहे हैं कि यूसीसी एक सरल अभ्यास है. उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें बताया गया था कि इस समय यह संभव नहीं है. भाजपा की कथनी और करनी के कारण आज देश बंटा हुआ है. लोगों पर थोपा गया यूसीसी केवल विभाजन को और बढ़ाएगा. यूसीसी के लिए प्रधानमंत्री की मजबूत वकालत का उद्देश्य महंगाई, बेरोजगारी, हेट क्राइम, भेदभाव और राज्यों के अधिकारों को नकारने से जनता का ध्यान भटकाना है. लोगों को सतर्क रहना होगा. सुशासन में विफल होने के बाद, भाजपा मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने और अगला चुनाव जीतने का प्रयास करने के लिए यूसीसी को हथियार बना रही है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भोपाल में आयोजित भाजपा कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने पीएम मोदी से पूछा कि विपक्षी दल पहले तीन तलाक और अब यूसीसी के मुद्दे पर मुसलमानों में भय पैदा कर रहे हैं. विपक्ष की इस चाल में फंसकर मुसलमान भ्रमित हो जाते हैं. उन्हें हम कैसे समझा सकते हैं कि तीन तलाक या यूसीसी से उनको कोई नुकसान नहीं है? इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अगर तीन तलाक इस्लाम का अविभाज्य हिस्सा है, तो मुस्लिम बहुल देशों ने इसे क्यों खत्म कर दिया?’ समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर पीएम ने कहा, ‘अगर एक परिवार दो अलग-अलग नियमों पर नहीं चल सकता, तो एक देश दोहरे नियमों पर कैसे चल सकता है?’ पीएम मोदी ने कहा कि यूसीसी के मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काया जा रहा है और जो लोग इसका विरोध करते हैं वे वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं.
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