मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई जिसमें 8 एजेंडों पर मुहर लगाई गई. नीतीश सरकार ने फैसला लिया है कि कोविड-19 और यूक्रेन युद्ध के कारण आकस्मिक परिस्थितियों से गुजरते हुए देश लौटे इंटर्न छात्रों को इंडियन मेडिकल ग्रैजुएट के समरूप स्टाइपेंड देने के साथ ही इंटर्नशिप के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. साथ ही अब सिविल कोर्ट से लेकर जिला कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बहाल होने वाले सरकारी वकीलों के लिए चयन समिति का गठन किया गया है.
प्रस्ताव के अनुसार, इस चयन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जनरल होंगे जबकि लॉ सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेट्री इसके सदस्य होंगे. सरकारी वकीलों के चयनऔर हटाने की प्रक्रिया समय समेत कई जिम्मेवारी इस समिति की होगी. इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने जिन महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई है वो इस प्रकार हैं.
बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 के प्रस्ताव को स्वीकृति: बिहार वास्तुविद सेवा नियमावली, 2014 में संशोधन. संविदा व नियोजित कर्मियों को नियमित नियुक्ति को अधिमान्यता.
बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड पटना के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के कुल 5 पदों का सृजन तथा आशुलिपिक के अनावश्यक कुल 53 पदों को विलोपित करने के संबंध में स्वीकृति मिली है.
भवन निर्माण विभाग के बिहार वास्तुविद सेवा नियमावली 2014 में संशोधन करते हुए संविदा नियोजित कर्मियों को नियमित नियुक्ति में अधिमान्यता दिए जाने के संबंध में भी स्वीकृति मिली है.
बिहार के सभी जिलों में खासकर ग्रामीण इलाकों में संचालित चिटफंड कंपनियों की मनमानी पर शिकंजा कसा जाएगा. लोगों को बड़े ब्याज के नाम पर भारी लाभ प्रलोभन देकर जालसाजी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इन पर अब कठोर धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. धोखाधड़ी करने वाले पर कार्रवाई को लेकर कानून का प्रावधान किया गया है. बिहार अधिनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को हरी झंडी दी गई है.
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