एंटी-ड्रग्स एजेंसी ने मुंबई हाईकोर्ट में बीते मंगलवार को हलफनामा दायर किया. जिसमें एजेंसी ने कहा कि एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े अभिनेता शाहरुख खान के साथ अपनी चैट को अपनी ईमादारी के सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते. क्योंकि उन्होंने इस चैट को सीक्रेट के तौर पर रखा था. संघीय एजेंसी ने कहा कि वानखेड़े के पास अपने सीनियर्स को बिना बताए शाहरुख खान के साथ इस तरह की चैट करने का कोई कारण नहीं था. तो ऐसी प्रतीत होता है कि निलंबित अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा शाहरुख खान को कई कॉल भी किए गए थे.
बता दें कि समीर वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में नहीं फंसाने के तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत कथित तौर पर मांगी थी. उन्होंने एक हलफनामे में जबरन वसूली के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अभिनेता के साथ अपनी चैट शेयर की. पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट में वानखेड़े ने दावा किया कि अभिनेता ने चैट में उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की थी. उनके दावों का खंडन करते हुए, एनसीबी ने 17 जून को 92 पेज का हलफनामा दायर किया था.
ब्यूरो ने कहा, “वानखेड़े और आरोपित आर्यन खान के पिता व अभिनेता शाहरुख खान के बीच हुई चैट को वानखेड़े की ईमानदारी के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. क्योंकि उन्होंने इस गोपनीय रखा. एनसीबी ने कहा कि इसके अलावा यह ध्यान रखना जरूरी है कि वानखेड़े के पास अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बिना बताए शाहरुख खान के साथ ऐसी चैट करने की कोई वजह नहीं थी. एनसीबी ने कहा कि चैट का मूल्यांकन केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा किया जाएगा. जो जबरन वसूली मामले की जांच कर रहा है.
आगे चैट का हवाला देते हुए, एनसीबी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वानखेड़े ने “कई मौकों पर शाहरुख खान को कॉल किया है”. हलफनामे में कहा गया, ”यह नहीं कहा जा सकता कि उन कॉल्स में क्या बातचीत हुई है.” संघीय एजेंसी ने अपने हलफनामे में यह भी खुलासा किया है कि वानखेड़े, एनसीबी से बाहर जाने के बावजूद, एक उप कानूनी सलाहकार के साथ “नियमित संपर्क” में थे. क्योंकि वह आर्यन खान के मामले की जांच के “परिणाम में हेरफेर” करना चाहते थे और “संवेदनशील जानकारी निकालना” चाहते थे.
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