दिल्ली में जवाहर लाल यूनिवर्सिटी कैंपस में विवादों में चल रही फ़िल्म ‘72 हूरें’ की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई. विवेकानंद विचार मंच की तरफ से फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया. इस दौरान फिल्म के डायरेक्यर-प्रोड्यसर संजय पूर्ण सिंह चौहान और पत्नी किरन डांगर, फिल्म में काम करने वाले एक्टर पवन महोल्त्रा भी पहुंचे थे.
गौरतलब है कि ये फ़िल्म आतंकवाद और आत्मघाती हमलावरों पर बनाई गई है. 7 जुलाई को फ़िल्म रिलीज़ होगी. लेकिन उससे पहले ही फ़िल्म को लेकर कुछ राजनीतिक दल सवाल उठा रहे हैं, जिनका कहना है कि एक धर्म को अनुचित ढंग से बड़े पर्दे पर पेश किया जाएगा.
उधर, फ़िल्म 72 हूरें को लेकर जएनयू के छात्रों की मिलीजुली राय देखने को मिली है. कुछ ने कहा कि फ़िल्म ‘72 हूरें’ के नाम पर आतंकवाद फैलाने वाली मानसिकता के खिलाफ़ है तो कुछ बोले कि समाज में टकराव पैदा करने के लिए महज़ प्रोपगेंडा है. छात्रों ने यह भी कहा कि फ़िल्म देखनी ज़रूर चाहिए और उसी के बाद लोग इसके बारे में राय बनाएं.
छात्र संगठन एसएफाई ने फ़िल्म ‘72 हूरें’ को JNU कैंपस में दिखाए जाने की निंदा की. कहा कि जेएनयू प्रशासन ऐसे संगठनों की मेजबानी के लिए मंच प्रदान कर रहा है, जो शैक्षिणिक क्षेत्र को बढ़ाने में कोई भूमिका नहीं निभाते हैं, बल्कि हमेशा सामज को बाँटने वाले स्वभाव के रहे हैं.
एसएफआई ने कहा कि हम देश के भीतर अपने भगवा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दुर्भावनापूर्ण झूठ गढ़ने की संघ परिवार की चाल को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. छात्र समुदाय से ऐसी प्रचार फिल्मों को अस्वीकार करने की अपील करते हैं, जिनका तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि वे केवल परिसर के भीतर और अन्य जगहों पर ध्रुवीकरण पैदा करते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में किरन डागर ने कहा कि फिल्म के साथ गलत चीजों के साथ जोड़ा जा रहा है. फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान जय श्रीराम, हर हरमहादेव औऱ जय हिंद जैसे नारे लगाए गए.
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