एसडीम ज्योति मौर्या और आलोक मौर्य का विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इस बीच आलोक मौर्य के पिता राम मुरारी मौर्य की तबीयत बिगड़ गई है. पिछले 20 दिनों से जैसे ही ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य की विवाद की जानकारी पिता राम मुरारी मौर्य को मिली तो वह डिप्रेशन में चले गए हैं और किसी से कुछ बातचीत नहीं कर रहे हैं.
गांव के कई लोगों ने बताया की , इन लोगों ने बचपन से आलोक और उसके परिवार को देखा है. लोगों का कहना है कि दहेज और झूठ बोल कर शादी करने का आरोप ज्योति मौर्य के द्वारा लगाए गए हैं. वह बेबुनियाद हैं. 2010 में शादी हुई और फिर 2016 में ज्योति एसडीएम बनीं. उसके बाद से सब कुछ ठीक था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यह विवाद लगातार गहराता जा रहा है. जहां तक आरोप है कि आलोक मौर्य ने झूठ बोलकर अपने आपको ग्राम पंचायत अधिकारी बताकर शादी की है, तो यह बेबुनियाद है. जब ज्योति के पिता यहां गांव में आए थे तब उस दौरान भी वह पूछ सकते थे. गांववालों से उन्हें सच्चाई मिल जाती दूसरी तरफ जो कार्ड वायरल हुआ है शादी का वैसा कार्ड उनके घर पर शादी में नहीं आया था.
दुर्गा प्रसाद अस्थाना आलोक मौर्य के गांव के ही रहने वाले हैं और इनका दावा है कि आलोक और ज्योति का परिवार पहले से ही एक दूसरे को जानता था क्योंकि आलोक मौर्य के चाचा राम झूराली मौर्य ज्योति मौर्य के गांव में ही तैनात था. दोनों परिवार एक दूसरे को पहले से जानते थे लिहाजा यह सवाल ही नहीं उठता है कि वह सफाई कर्मचारी था या फिर ग्राम पंचायत अधिकारी क्योंकि पहले से ही यह बात सबको मालूम थी कि आलोक मौर्य सफाई कर्मचारी है. आलोक मौर्य के चाचा राम झूराली मौर्य ज्योति मौर्य के गांव के थाने पर बतौर दरोगा तैनात थे.
रामकृष्ण चौरसिया ने बताया कि कुछ दिनों पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था. एसडीएम ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का. दरअसल दोनों के बीच बातचीत फोन पर हुई थी. बता दें कॉल में बातचीत हुई थी और रामकृष्ण चौरसिया ने ही बातचीत कराई थी. रामकृष्ण चौरसिया आलोक के बचपन के दोस्त हैं, लिहाजा ज्योति से भी बातचीत करते थे, लेकिन कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान वाद विवाद लगातार बढ़ता चला गया और आखिरकार ज्योति मौर्या ने कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया. रामकृष्ण चौरसिया के मुताबिक, दोनों परिवार शादी से पहले एक दूसरे को जानते थे.
यहां तक कि आलोक के चाचा के रिश्तेदारी में भी ज्योति का परिवार आता है, तो यह सवाल ही नहीं उठता है कि वह समाई कर्मचारी या फिर ग्राम पंचायत अधिकारी था, क्योंकि सबको मालूम था कि वह सफाई कर्मचारी था खुद 2009 में जब आलू की नौकरी सफाई कर्मचारी के तौर पर लगी थी, तो रामकृष्ण ने ही उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराया था. ज्योति मौर्या आरोप लगा रही है कि दहेज मांगा गया एसडीएम बनने के बाद मैं कह रहा हूं कि एसडीएम बनने के बाद एक प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराया गया था यानी यह प्रॉपर्टी आलोक मौर्य ने खरीदी थी.
रामकृष्ण चौरसिया ने बताया कि इसका पैसा कहां से आया था. इस बारे में जरा कोई जांच कर ले पैसा आलोक मौर्य के पिता ने भेजा था और जमीन की रजिस्ट्री ज्योति मौर्या के नाम पर हुई थी. मैं चाहता हूं कि सब एक बार फिर एक हो जाए.
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