महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई वाले समूह को ‘शिवसेना’ (Shiv Sena) पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न देने के चुनाव आयोग (Election Commission) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट ने शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने एक ‘लेटर ऑफ अर्जेंसी’ (Letter of Urgency) पेश किया. अपनी ताजा याचिका में शिवसेना के उद्धव गुट ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला समूह शिवसेना के प्रतीक का ‘अवैध रूप से’ उपयोग कर रहा है.
यह कदम महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष और शिव सेना (UBT) नेता नीलम गोरे के शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना में शामिल होने के एक दिन बाद आया है. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की सहयोगी गोरे मुंबई में शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में सत्तारूढ़ दल में शामिल हुईं. एकनाथ शिंदे ने पार्टी के अधिकांश विधायकों को तोड़कर अपने साथ कर लिया और महाराष्ट्र में भाजपा के समर्थन से सरकार बना ली. इससे उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा. उसके बाद से ही शिवसेना के दोनों गुटों में तनातनी चल रही है.
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को ‘चोरी’ और ‘लोकतंत्र की हत्या’ कहा था और आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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