यूपी के आजमगढ़ में एसडीएम ज्योति मौर्य प्रकरण में विवादों में चल रहे होमगार्ड विभाग के जिला कमांडेंट मनीष दुबे को महोबा जनपद में तैनाती मिली है. ज्योति मौर्या मामले में मनीष दुबे का नाम आने के बाद शासन ने उन्हें महोबा जनपद में होमगार्ड विभाग में जिला कमांडेंट बनाकर भेजा गया है. जहां बातचीत में ज्योति मौर्या के मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
हालांकि, इतना जरूर कहा, आलोक कह रहा कि उसने ज्योति को पढ़ाया है और लोग भी यही कह रहे हैं, जबकि पढ़ाने-लिखाने का मतलब होता है. बचपन से पढ़ाया लिखाया जाता है, क्या सच में हम जहां बैठे हैं, कोई हमें बना सकता है?
उन्होंने कहा कि जो दावा कर रहा है पढ़ाने-लिखाने का वो यह नहीं बता सकता कि कितने पेपर और कितने ऑप्शन होते है. क्यों इस चीज को इतना बढ़ाया चढ़ाया जा है, मैं भी हैरत में हूं. पर्सनल मामला था. इस चीज को वहीं का वहीं खत्म होना चाहिए था. जब उनसे पूछा कि ज्योति मौर्या से कहाँ मुलाकात हुई, बातचीत कैसे आगे बढ़ी तो उसने पर्सनल सवाल कहकर बात को टाल दिया.
उन्होंने कहा कि जो बातें हो रही है वो लाई गई हैं. ना मैं लेकर आया हूँ और ना ही वो लड़की (ज्योति मौर्य) लेकर आई है. कोई तीसरा आदमी लेकर आया है. इस परेशानी हम अपना प्रोफेशनल काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं.अब इस मामले में हमारे बोलने से समस्या सुलझेगी नहीं और उलझ जाएगी. हम नियमों से बंधे है.
यदि मैं या ज्योति मौर्य आम व्यक्ति होते…अध्यापक होते तो बोल देते. हमारा इस कुर्सी में बैठना गुनाह हो गया है. मैं सॉफ्वेयर इंजीनियर था, अच्छी खासी नॉकरी कर रहा था, मगर अब पता नही कहां आकर फंस गया. इस मामले में पहले कुछ मीडिया ने नहीं पूछा, अब पूछ रही है. मैं एक जिम्मेदार पद पर हूं, इसलिए कैमरे के सामने कुछ भी नहीं बोल सकता हूं.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.