दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. इस मामले में शीर्ष अदालत 14 जुलाई को सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मनीष सिसोदिया की पत्नी का स्वास्थ्य फिलहाल ठीक नही है, लिहाजा उनकी जमानत अर्जी पर जल्द सुनवाई की जाए. इसके बाद अदालत ने 14 जुलाई की तारीख तय कर दी.
सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो आदेशों को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. उच्च न्यायालय ने इन मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं. उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उच्च न्यायालय ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उच्च न्यायालय ने अपने 30 मई के आदेश में कहा था कि चूंकि कथित घोटाले के वक्त सिसोदिया ‘उच्च पद पर आसीन’ थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी.
उच्च न्यायालय ने कहा था कि उनकी पार्टी अब भी राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में है और 18 विभाग संभाल चुके सिसोदिया का अब भी प्रभाव है और चूंकि ज्यादातर गवाह सरकारी सेवक हैं तो उन्हें प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
अदालत ने कहा था कि आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं कि आबकारी नीति ‘साउथ ग्रुप’ के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के लिए गलत इरादे से बनाई गई थी. इस तथाकथित ‘साउथ ग्रुप’ में राजनीतिज्ञ, व्यवसायी और अन्य लोग शामिल हैं. इन लोगों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता भी शामिल हैं.
सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सिसोदिया ने अदालत में निचली अदालत के 31 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी. अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया ‘सूत्रधार’ थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने तथा अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में ‘सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका’ निभाई.
ईडी ‘आप’ नेता के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले की भी जांच कर रही है. सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को धनशोधन मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था. तीन जुलाई के अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने उन्हें ईडी मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था.
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